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(६)
श्रीमन्त्रराज गुणकल्प महोदधि ॥
विषय
उसकी दूसरी रीति
उक्त प्रकार से नष्ट का लाना तथा उसके उदाहरण
पृष्ठ से
३५
३६
उक्त प्रकार से उद्दिष्टका लाने की विधि तथा उसके उदाहरण ४० आनुपूर्वी आदि भङ्गों के गुणन का माहात्म्य
४४
... ४७
४८
( योग शास्त्र में से उद्धृत विषय ) ध्यान का वर्णन
धर्म ध्यानके रसायन प्रमोदादि
मैत्री का स्वरूप
प्रमोद का स्वरूप
कारुण्य का स्वरूप
श्री पञ्चपरमेष्ठि नमस्कार महामन्त्र का माहात्म्य द्वितीय परिच्छेद
( णमो अरिहंताणं पदके अर्थ )
श्रीपण्डित विनय समुद्रगणि शिष्य श्री पण्डित गुणरत्न मुनिकृत " णमो अरिहंताणं" पदके संस्कृत में ११० अर्थ उक्त पदके ११० अर्थों का भाषामें अनुवाद
तृतीय परिच्छेद
...
...
माध्यस्थ्य का स्वरूप
विशुद्ध ध्यान सन्तति का अधिकारी
ध्यान की सिद्धि के लिये आसनों का विजय पकासन आदि आसनों का वर्णन
ध्यान के लिये विधि
प्राणायाम की आवश्यकता
...
800
***
0.0
...
...
...
...
Aho! Shrutgyanam
...
:
800
६३
६३
६३
૩
૪
... ६४
...
...
...
...
प्राणायाम का महत्त्व
६६
६६
प्राणायाम का स्वरूप
उसके भेद तथा भेदों का स्वरूप
६६
रेचन आदि के फल
૨૭
६७
प्राणायाम के द्वारा प्राण आदि वायु को जीतने का अधिकारी ६७ प्राण वायु का स्थान, वर्ण तथा उसके विजय का उपय अपना वायु का स्थान, वर्ण तथा उसके विजय का उपाय
... ६७
...
...
४८
६५
23.
ફ્
...
ευ
६४
६४
६५
६६
पृष्ठतक
३६
४०
४४
४६.
ॐ
६३ ६२
१३३
६५
63