________________
( 41
)
खरात् परेषामनादिभूतानामसंयुक्तानां क, ग, च, ज, त, द, प, य, वानां प्रायोलगभवति । ___The nine non-initial consonants k, g, ch, j, t, d, p, y, and v, when not joined to any other consonant and immediately preceded by a vowel, are generally elided ; as क-लोश्रो (लोकः); मढं (शकटं); मुउलः (मुकुल:); एउलो (नकुलः); णोश्रा (नौका); मुउ. चिदा (मुकुलिता); ग-णी (नगः); "अरं (नगर); मश्रको (मृगाङ्कः); सारो (सागरः); भादूरही (भागीरथी); भअवदा (भगवता); च-मई (शची); कगगहो (कचगहः); वर्ण (वचन); सूई (सूची); रोअदि, (रोचते); उद्दं (उचितं); सूत्रनं (सूचकं); ज-रो ( रजकः); पश्रावई (प्रजापतिः); गत्रो (गजः); रश्रदं (रजत); त-विश्राणं, (वितान); कि (कृत); रमाअलं (रसातलं); रअणं (रत्न); द-जदू (यदि); नई (नदी); गश्रा (गदा); मत्रो (मदनः); वणं (वदन); मत्रो (मदः); प-रिऊ (रिपुः); सुउरिमो (सुपुरुषः) ; कई (कपिः); विउलं (विपुल); यदबालू (दयालुः); णअणं (नयन); विश्रोत्रो (वियोगः); वाउणा (वायुना); व-जीबो (जीवः); दिअहो (दिवसः); लाश्रण (लावण्य) ; विश्रोहो (विवोधः); वलाणलो (वडवानलः); प्रायो ग्रहणात् क्वचिन्न मवति The word Prayas (generally) in the Sutra indicates that there are exceptions, specially when, as Praleritaprakāsa says (प्राकृत प्रकाशे) यत्र श्रुति सुखमस्ति
Aho ! Shrutgyanam