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________________ श्रीमान् अगरचंद भैरोंदान सेठिया की जैनपारमार्थिक संस्थाएँ बीकानेर निम्न लिखित संस्थाएँ मूल धन ( Capital ध्रौव्य फण्ड) २० ३३५०००) तीन लाख पैंतीस हजार का जो २१०००) इक्कीस हज़ार रुपये वार्षिक व्याज तथा मकान भाड़ा आता है उससे चल रही हैं । मूल धन के सिवा संस्थाओं के लिये ७००००) सत्तर हजार रुपये की कीमत के दो विशाल भवन (बिल्डिंग ) भी दिये गये हैं । इस समय कार्यक्षेत्र विस्तृत करदेने से खर्च भी बढ़ गया है, श्रीमान् सेठ साहब ने उसकी पूर्ति करने की उत्साह पूर्वक उदारता दिखाई है । मूल धन (ध्रौव्य फण्ड ) और बिल्डिंग के ट्रस्टी आपके सुविनीत उत्साही ज्येष्ठपुत्र श्रीयुत् जेठमलजी कर दिये गये हैं। निम्न लिखित संस्थाओं में पण्डित अध्यापक (मास्टर) अध्यापिका लेखक तथा अन्य कर्मचारी सब मिल कर वर्तमान में ३७ जैन और २३ अजैन कुल ६० व्यक्ति कार्य कर रहे हैं। विद्यालय (स्थापित विक्रम सं० १९७०) इस विद्यालय में छात्रों को हिंदी, अंग्रेजीमहाजनी ( वाणिका धर्मशास्त्र संस्कृत व्याकरण न्याय साहित्य अलङ्कार छन्दशास्त्र प्राकृत आदि का अध्ययन Aho! Shrutgyanam
SR No.009883
Book TitleJain Siddhant Kaumudi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnachandraswami
PublisherBhairavdan Sethia
Publication Year1925
Total Pages328
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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