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जैन साहित्य संशोधक विरुद्ध ते ज इतिहासोमां 61 बीजु कथन मळतुं होवाथी तेओनी गणत्रीमां क्या भूल छे ते ९ आ स्थळे समजावीश.
राजगृहनो राजा बिंबिसार अने तेनो पुत्र तथा उत्तराधिकारी अजातशत्रु-जेने जैनो कूणिय अथवा कोणिय नामे ओळखे छे-तेमना संबंधमां ब्राह्मण, बौद्ध अने जैन आत्रणे धर्मोमां परंपराओ जोवामां आवे छे. बौद्धोना पुरातन लेखो जणावे छे के बिंबिसार बुद्धनो समकालनि हतो अने बुद्ध निर्वाणथी आठ वर्ष पहेलां ते पोताना पुत्रना हाथे मरण पाम्यो हतो. पुराणोनी हकीकत अनुसार आ बिंबिसार शैशुनाग वंशनोपांचमो राजा हतो अन तेणे२८ वर्ष राज्य कयुःहतुं. परंतु दीपवंश ३, ५६-६१, अने महावंश २, २५ मां एम जणावेलुं छे के ते बुद्ध पछी पांचमे वर्षे जन्म्यो हतो, पंदर वर्षनी उम्मरे राज्यासन पर आव्यो हतो अने ५२ वर्ष सुधी तेणे राज्य कर्यु हतुं. जो के आ हेवाल मां कांई तथ्यांश नथी. कारण के बिंबिसार बुद्ध अने महावीर बन्नेनी पहेलां गुजरी गयो हतो. बिंबिसार पछी अजातशत्रु ( उर्फे कूणिक) गादिए आव्यो अने तेणे पुराण अनुसार २५ वर्ष, अने सिलोनना इतिहास प्रमाणे ३२ वर्ष राज्य कर्यु. तेने गादी उपर आव्याने आठ वर्ष थयां त्यारे बुद्धनु अवसान थयुं. पण आ पछी पौराणिक अने बौद्ध हेवालो नामोमा मळता आवता नथी. कारण के पुराण जणावे छे के अजातशत्रुनी पछी हर्षक अथवा
मनोराजा थयो अने तेणे २५ वर्षे राज्य कये. त्यारपछी उदय राजा बन्यो जेणे ३३ वर्ष राज्य कर्यु. बौद्धो एम कहे छे के अजातशत्रु पछी उदायिभह (दीघनिकाय) अथवा उदय भहक62 (दपिवंश, महावंश) राजा बन्यो अने तेणे १६ वर्ष राज्य कर्यु. जैनो आने उपायिन् कहे छे अने तेना शासननो समय लांबो बतावे छे. 63
हवे आ हकीकत ने शरुआतनुं केन्द्र मानीने विविध कालगणना विषयक लेखोनो एक पछी एक लई विचार करवो जोईए. अने तेथी हुँ पहेल वहेलां वायुपुराणमांथ मळी आवती ब्राह्मणपरंपराथी शरुआत करीश.
___ आ ग्रंथनी अनुसार, दर्शक ( अथवा हर्षक) 64 ना २५ वर्ष पर्यंत राज्य करी रखा पछी उदय ( अथवा उदयाश्व ) राजा बन्यो अने तेणे ३३ वर्ष राज्य कर्यु. आना पछी अनुक्रमे नन्दिवर्धन अने महानान्दिन आव्या जेओ बनेए ८५ वर्ष राज्य कर्यु. महानन्दिन शैशुनाग वंशनो छल्लो राजा हतो अने तेनी पछी नव नन्दो, महापद्म इत्यादि राजाओए बे पेढी सुधी कुल १०० वर्ष राज्य कर्यु. छेल्ला नंदनी पछी मौर्य राजाओ गादीए आव्या तेमांना चन्द्रगुप्ते २५ वर्ष, बिन्दुसारे २५ वर्ष अने अशोके ३६ वर्ष राज्य कयु. जो हवे आपणे अजातशत्रुथी मांडीने अशोकना अभिषेक सुधीनां बधां राजाआनो सरवाळो करीए तो ते सरवाळो ३१७ वर्षनो थाय छे. अने जो आपणे सिद्धरूपे मानी लईए के अजातशत्रुना आभषक पछी ८ वर्ष बुद्ध निर्वाण पाम्या तो अशोकनो समय बुद्धनिर्वाण पछी ३०९ मां आवे, ए अशक्य छे. कारण के सिलोननो सन्-जेना आधारे बुद्ध इ. स. पूर्वे ५४४ वर्षे निर्वाण पाम्या हता तेनीअनुसार उपरोक्त समय इ. स. पूर्वे २३४ वर्षे आवे छे अने आपने जाणीए छीए के इ. स. पूर्वे २६० अने २५८ वञ्चना वर्षथी १२ वर्ष पहेलां अशोकने राज्यभिषेक थयो हतो. इ. स. पूर्वे
61. उत्तरीय बौद्धोना कथनने हुं बीलकुल महत्त्वनुं मानतो नथी, ते एम कहे छे के अशोक बुद्धनिर्वाण पछी १०० वर्षे जन्म्यो हतो.
62.आ कदाच तेनुं खरं नाम हशे कारण के बौद्धोनी तेम जै जनोनी जूनामां जूनी परंपरा आ नामजणावे छे. 63. आ विषय हुं आगळ उपर चर्चीश. 64. विष्णुपुराणमां तेनुं नाम दभर्क आपेलं छे. सरखावो, मलर, Ancient Skt. Lit P. 296
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