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ज्ञानप्रदीपिका। स्थितिप्रश्नेति (2) तं ब्रूयान्मस्तकोदयराशिषु ।
पृष्ठोदये तु गमनं तथा गमनमेधते ॥८॥ यदि ये शीर्षोदय राशि में हो तो प्रश्न स्थिति का बताना चाहिये। पृष्ठोदय राशि में हों तो वृद्धिपूर्वक गमन बताना।
द्वितीये च तृतीये च तिष्ठन्ति यदि पंग्रहाः ।
त्रिदिनात्पत्रिका याति . . . . . 'प्रोषितस्य च ॥६॥ द्वितीय तृतीय में यदि पुरुष ग्रह हों तो दो या तीन दिन में विदेशस्थ व्यक्ति का पत्र आता है।
लग्नस्थसहजव्योमलाभेष्विदुज्ञभार्गवाः ।
तिष्ठन्ति यदि तत्काले चावृतिः प्रोषितस्य च ॥१०॥ यदि चंद्र, बुध और शुक्र, १, ३, १० या ११वें स्थान में हो तो प्रवासी शीघ्र ही लौटेगा।
चतुर्थे वारि वा पापाः तिष्ठन्ति चेत् शुभग्रहाः।
पत्रिका प्रोषितस्याशु समायाति न संशयः ॥११॥ यदि पर्थ और षष्ठ में क्रमशः पाप ग्रह और शुभ ग्रह हों तो प्रवासी की पत्रिका निः सन्देह शोघ्र आवेगी।
चापोक्षछागसिंहेषु यदि तिष्ठति चन्द्रमाः।
चिन्तितस्तत्तदाऽऽयाति चतुर्थे चेत्तदागमः ॥१२॥ धनु, वृष, मेष और सिंह में यदि चन्द्रमा हो तो चिन्तित आवेगा पर फर्फ में हो तो उसका आगमन हो गया है।
खस्वक्षेत्रेषु तिष्ठन्ति शुक्रजीवेन्दुसोमजाः।
प्रयाणे गमनं ब्रूयात् तत्तदाशासु सर्वदा ॥१३॥ यदि शुक्र, बृहस्पति, चंद्र और बुध अपनी राशि में हो तो उनकी दिशाओं में यात्रा बतानी चाहिये।
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