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पृष्ट पं. श्लो. वुधशुक्र का मध्यम और मङ्गलवृहस्पतिशीन का शीघ्र वनाने की विधि ... ... ... ८१ १२ " मङ्गल आदि पञ्चतारा के स्पष्ट की विधि ... ८४ २० ४ शीघ्रखण्डांक जानने की रीति ... ... ९० २ ७ राहु और केतु स्पष्ट करनेका प्रकार... ... ९७ १७ १० नक्षत्र गत को राशिगत, राशिगत को नक्षत्रगत करने की विधि ... ... ... ... ... ९९ १३ ११ सूर्यादिकोंकी मध्यमगति ... ... ... १०० १९ १२ मङ्गल आदि पश्चतारा की शीघ्रगति का ज्ञान १०१ १२ १३ पञ्चतारा की गति का गुणक और पञ्चतारा की मन्दस्पष्ठगति करने का प्रकार ... ... ... १०२ ९ १४ पञ्चतारा की स्पष्टगति करने का प्रकार ... १०४ २ १५ भौम आदि पञ्चतरा के वक्रीमार्गी का दिन जानने की रीति ...
... ... ... ११३ २२ ६ भौमादि पश्चतारा के वक्रीमार्गी का केन्द्रांश ... ११५ १५ * भौमादि पञ्चतारा का उदय अस्त के अंश ... ११७ २० १९ अगस्त्य का उदय अस्त ... ... ... ११९ ८ २० चन्द्रशृङ्गोनति ज्ञान ... ... ... १२० ३ *
त्रिप्रश्नाधिकार आयनांशा बनाने का प्रकार ... ... १२१ ३ १ चरवनाने की विधि ... ... ... १२२ २ २ दिनरात्रि का मान और नत बनाने का प्रकार १२५ १५ ३ प्रभा जानने की रीति ... ... ... १२६ १९ ४ शंकु और घटी जानने की विधि ... ... १२७ २१ छाया जानने की विधि ... ... ... १२८ १९ ६ लंका के अवधिका दक्षिणाक्ष जानने की विधि १२९ १७ ७ लग्नस्पष्ट करने का प्रकार ... ... ... १३० १४ ८ चरखंडा वनानेकी रीति ... ... ... १३३ १० १० लङ्का का मान जाननेका और स्वदेशमान बतानेकी विधि ... ... ... ... ... १३४ ४ २१
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Aho ! Shrutgyanam