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________________ प्रहस्पष्टाधिकारः। ५४९।१०।३६ हुआ, इसमें १०० का भाग दिया तो फलगत खण्डा ५ वां मिला पाचवां गत खण्डा ११ है, भोग्य खण्डा के अभाव से एही अन्तर हुआ, भाग शेष ४९/१०॥३६ को अन्तर ११ से गुणा तो ५४०५६।३६ हुए इसमें १०० का भाग देने से फल ।२४। ३४ मिले इसको भुक्त खण्डा ११ में घटाने से मन्दफल ५/३५।२६ हुआ, इसको १७ से गुणा तो ९१।२।२२। हुए इसमें १० का भाग देने से लब्ध ९३० १४ मिले इसको, केन्द्र छः राशि से न्यून है इससे दूसरे जगह रक्खे हुए मध्यम भौम ९४९।१०।३६ में घटाया तो मन्द स्पष्ट भौम ९३९।४०१२२ हुआ । मन्दस्पष्ट भौम को दो जगह धरि एक जगह इस ९३९।४०।२२ में भौम के शीघ्र ८३।७।४३ को घटाया तो भौमका शीघ्र केन्द्र ८५६।३२१३९ हुआ, इसको १२०० में घटाया तो ३४३। २७/२१ हुए इसमें १०० का भाग दिया तो फल ३ मिला तीसरा भुक्त खंडा ११० भोग्य खडा १३३ इन दोनों का अन्तर धन २३ हुआ इससे शेष ४३।२७।२१ को गुणा किया तो ९९९।२९।३ हुए इसमें १०० का भाग दिया तो फल ९।५९।४१ मिले इसको भुक्त खंडा ११० में युत किया तो शीघ्र फल ११९ । ५९ । ४१ हुआ, शीघ्र केन्द्र छः राशि से अधिक है इससे दूसरे जगहधरे हुए मन्दस्पष्ट ९३९।४०।२२ में शीघ्रफल ११९।५९।४१ को युत किया तो सष्ट भौम १०५९।४०।३ हुआ। इसमें १०० का भाग देने से भौम की स्पष्ट राशि आदि १०॥ १८।६।२ हुई। ___ मध्यम बुध ८३।७।४३ को दोस्थान में स्थापित करके एक स्थान में बुध के मन्दोच्च ५०० को चुत कियातो बुध का मन्द केन्द्र ५८३।७।४३ हुआ, इसमें १०० का भाग देने से लब्ध ५ मिले तो पांचवां भुक्त खंडा ११ है भोग्य खंडा के अभाव से एही अन्तर हुआ इससे शेष ८३ । ७ । ४३ को गुणा तो ९१४ ।२४ । ५३ हुए इसमें १०० का भाग देने से फल ९ । ८ । ३९ । मिले इस को भुक्त खंडा ११ में घटाया तो मन्द फल १ । ५१ । २१ हुआ, इस को ७ से गुणा Aho ! Shrutgyanam
SR No.009873
Book TitleBhasvati
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShatanand Marchata
PublisherChaukhamba Sanskrit Series Office
Publication Year1917
Total Pages182
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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