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________________ सह-सत्तिक्क तहप्पगाराई "विरूव- रुवाइ सद्दाइ कण्णसोय-पडियाए णो अभिसंधारेज्जा गमणाए । १६ - से भिक्खू वा भिक्खुणी वा अहावेगइयाई सद्दाइ सुणेति, तंजा - खुड्डियं दारियं परिवृत्तं मंडियालंकिय निवुज्झमाणि पेहाए, एगं पुरिसं वा वहाए णीणिज्जमाणं पेहाए - अण्णय राइ वा तहप्पगाराई 'विरूव- रुवाइ सद्दाई कण्णसोय-पडियाए णो अभिसंधारेज्जा गमणाए । -- १७ - से भिक्खू वा भिक्खुणी वा अण्णयराइं विरूव- रुवाई महासवाई एवं जाणेज्जा, तंजहा - बहुसगडाणि वा, बहुरहाणि वा, बहुमिलक्खूणि वा, बहुपच्चंताणि वा - अण्णय राई वा तहप्पगाराई विरुव-रूवाई महासवाई कण्णसोय-पडियाए णो अभिसंधारेज्जा गमणाए । 3 , 2 १८ - से भिक्खू वा भिक्खुणी वा अण्गयराइ विरूत्र- रुवाइ महुस्सवाइ एवं जाणेज्जा, तंजहा - इत्थोणि वा, पुरिसाणि वा, थेराणि वा डहराणि वा मज्झिमाणि वा, आभरणविभूसियाणि वा गायंताणि वा, वायंताणि वा णच्चताणि वा, हसंताणि वा, रमंताणि वा मोहंताणि वा, विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं परिभुजंताणि वा परिभाइंताणि वा, विच्छडियमाणाणि वा, विगोवयमाणाणि वा - अण्णय राई वा तहप्पगाराई विरुव - रुवाई महुस्सवाई कण्णसोयपडियाए णो अभिसंधारेज्जा गमणाए । ३०६ सद्दासत्ति-पदं १९ - से भिक्खू वा भिक्खुणी वा णो इहलोइएहि सहेहिं णो १ - परिभूय (क्वचित् ) ; मण्डितालकृता बहुपरिवृता ( वृ ) 1 २ - मडिय (घ, छ ) । ३- मज्झ° ( छ, व ) । ०
SR No.009871
Book TitleAayaro Taha Aayar Chula
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Shwetambar Terapanthi Mahasabha
Publication Year1967
Total Pages113
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_acharang
File Size3 MB
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