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________________ ।। आदिनाथ भगवान् का समय ।। जितेन्द्र शाह ख्यातोडष्टापद-पर्वतो गजपदः सम्मेत-शैला भिधः। श्रीमान् रैवतकः प्रसिद्ध महिमा शत्रुञ्जयो मण्डपः। वैभारः कनकाडचलोडबुंदगिरिः, श्री चित्रकूटादयः। तत्र श्री ऋषभादयो जिनवराः कुर्वन्तु वो ङ्गलम् ॥३३॥ कलिकाल हेमचन्द्रसूरि-सकलार्हत स्तोत्र. अर्थात्- प्रसिद्ध अष्टापद पर्वत, गजपद तीर्थ, सम्मेतशिखर नाम का पर्वत, श्रीमान् गिरनार, प्रसिद्ध महिमावान् श्री शत्रुजयगिरि, मांडवगढ, वैभारगिरि, सुवर्णगिरि, आबुगिरि एवं श्री चित्रकूट-चितोड़ आदि तीर्थ हैं। वहाँ बिराजमान श्री ऋषभदेव आदि श्री जिनेश्वर प्रभु मंगल करें। प्रस्तुत स्तुति में कलिकाल सर्वज्ञ हेमचन्द्राचार्यजी ने आर्यदेश के सुप्रसिद्ध तीर्थों की स्तुति की है। इस स्तुति में सर्व प्रथम अष्टापद तीर्थ को नमन किया है। अष्टापद तीर्थ की प्राचीनता एवं महिमा को दर्शाता है। एक अष्टापद तीर्थ जैनधर्म का पवित्र तीर्थ एवं प्राचीन तीर्थ होने के नाते हमेशा वंदनीय एवं स्तुत्य रहा है। न केवल संस्कृत या प्राकृत में ही किन्तु गुजराती स्तुतियों में भी अष्टापद की स्तुति अवश्य होती रही है। यहाँ मैं एक गुजराती दोहा प्रस्तुत करता हूँ। “આબુ અષ્ટાપદ ગિરનાર, સમેતશિખર શત્રુંજય સાર, એ પાંચેય તીરથ ઉત્તમઠામ, સિદ્ધ ગયા તેને કરું પ્રણામ.” अर्थात्- आबु, अष्टापद, गिरनार, सम्मेतशिखर एवं शत्रुजय ये पाँचों तीर्थ उत्तम हैं। इन तीर्थों से सिद्धगति प्राप्त सभी को मैं प्रणाम करता हूँ। इस गुजराती दोहे में अष्टापद तीर्थ को पाँच मुख्य तीर्थों में रखकर तीर्थ की महिमा बढ़ाई है। इस तीर्थ के साथ वर्तमान चोवीसी के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव के जीवन की अनेक घटनाएँ जुडी हुई हैं। हम ऋषभदेव परमात्मा के जीवनकाल के विषय में चर्चा करें उसके पूर्व कुछ ऐतिहासिक तथ्यों की चर्चा करेंगे। उपलब्ध साहित्य में हमें अष्टापद का सर्व प्रथम उल्लेख आचारांग नियुक्ति में प्राप्त होता है। उसमें कहा गया है कि अठ्ठावय उजिंते, गयग्गपए अ धम्मचक्के अ। पासरहावत्तनगं, चमरुप्पायं च वंदामि ।। Period of Adinath Vol. XVI Ch. 124-A, Pg. 7144-7151 36 131 - Period of Adinath
SR No.009855
Book TitleAshtapad Maha Tirth 01 Page 088 to 176
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajnikant Shah, Kumarpal Desai
PublisherUSA Jain Center America NY
Publication Year2011
Total Pages89
LanguageHindi, Sanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
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