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दी वही भगवान् मुझे उसे सज़ा देनेकी प्रेरणा कर रहा है । जैसे चोरी भगवान्को इच्छासे हुई वैसे ही सज़ा भी भगवान्को इच्छासे दी जा रही है । एक वर्ष, सख्त क़ैद ।'
चिन्ता
चिन्ता बड़ी विलक्षण है ! एक आदमोको लड़के को शादीको चिन्ता थी । कुछ दिनों बाद शादी हो गई । तब इस बातको चिन्ता लग गई कि बहूका वर्तन अच्छा नहीं है । फिर इस बात की चिन्ता लगी कि उसके बच्चा नहीं होता । कुछ समय में उसके बच्चा हो गया । लेकिन उस बच्चेको फ़िट आने लगे, इसलिए इसकी चिन्ता हो गई । आखिर कुछ काल बाद बच्चे को फ़िट आना बन्द हुआ तो बुड्ढेको फ़िट आने लगे । उसको चिन्ता करते
करते मर गया ।
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सन्त-विनोद