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क्रम
१
२
३
४
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१
२
३
४
५
६
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5159 v
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७
८
९
आगमसूत्र हिन्दी अनुवाद १०
आगमसूत्र - हिन्दी अनुवाद - भाग - १० - अनुक्रम
२९ संस्तारकसूत्र - हिन्दी अनुवाद - अनुक्रम
अधिकार
मंगल तथा संस्तारक के गुण
संस्तारक का स्वरूप एवं लाभ
संस्तारक के दृष्टान्त
भावना
गुरू का स्वरूप
साध्वी का स्वरूप
उपसंहार
(३०/१ गच्छाचारसूत्र - हिन्दी अनुवाद - अनुक्रम
अधिकार
अनुक्रम
मंगल- आदि
गच्छ में बसनेवाले के गुण
आचार्य का स्वरूप
आचार्य द्वार
शील्प - द्वार
विनयनिग्रह - द्वार
अनुक्रम
ज्ञानगुण-द्वार
चारित्रगुण-द्वार
मरणगुण-द्वार
उपसंहार
१-३०
३१-५५
५६-८८
८९-१२१
१३
१-२
३-६
७-४०
४१-१०६
१०७-१३३
१३४- १३७
(३०/२ चन्द्रवेध्यकसूत्र - हिन्दी अनुवाद - अनुक्रम)
अधिकार
मंगल तथा द्वार निरूपण
विनयगुण-द्वार
अनुक्रम
१-३
४-२१
२२-३६
३७-५३
५४-७१
७२-९९
पृष्ठांक
१००-११६
११७-१७२
१७३-१७५
१७-१९
१९-२१
२१-२३
२३-२६
पृष्ठांक
२७
२७
२७-२९
२९-३४
३४-३६
३६- -
पृष्ठांक
३७
३७-३८
३८-३९
३९-४०
४०-४१
४१-४३
४३-४४
४४-४७
४७-४८