________________
प्रज्ञापना-१७/२/४५५
पंचेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिक असंख्यातगुणे हैं, उनसे नीललेश्या वाले विशेषाधिक हैं और उनसे भी कृष्णलेश्यावाले सम्मूर्छिम-पंचेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिक विशेषाधिक हैं । कृष्णलेश्या वाली से लेकर शुक्ललेश्या वालो सम्मूर्छिम पंचेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिकों और तिर्यञ्चयोनिक स्त्रियों में पूर्ववत् अल्पबहुत्व जानना । भगवन् ! इन कृष्णालेश्यावालों से लेकर शुक्ललेश्यावाले गर्भज पंचेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिकों और तिर्यञ्चस्त्रियों में ? गौतम ! सबसे कम शुक्ललेश्यी गर्भजपंचेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिक हैं, उनसे संख्यातगुणी शुक्ललेश्यी गर्भज-पंचेन्द्रियतिर्यञ्चस्त्रियां हैं, उनसे पद्मलेश्यी गर्भज पंचेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिक संख्यातगुणे हैं, उनसे पद्मलेश्यी गर्भजपंचेन्द्रियतिर्यचस्त्रियाँ संख्यातगुणी हैं, उनसे तेजोलेश्यी० संख्यातगुणे हैं, उनसे तेजोलेश्यी तिर्यञ्चस्त्रियां संख्यातगुणी हैं, उनसे कापोतलेश्यी गर्भज-पंचेन्द्रियतिर्यश्च संख्यातगुणे हैं, उनसे नीललेश्यी संख्यातगुणी हैं, उनसे नीललेश्यी विशेषाधिक हैं, उनसे कृष्णलेश्यी विशेषाधिक हैं।
भगवन् ! कृष्णा लेश्यावाले से लेकर शुक्ललेश्यावाले इन सम्मूर्छिमपंचेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिकों, गर्भज-पंचेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिकों तथा तिर्यञ्चयोनिकस्त्रियों में ? गौतम ! सबसे थोड़े शुक्ललेश्यी गर्भज तिर्यञ्चयोनिक हैं, उनसे शुक्ललेश्यी तिर्यञ्चस्त्रियां संख्यातगुणी हैं, उनसे पद्मलेश्यी गर्भज पंचेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिक संख्यातगुणे हैं, उनसे पद्मलेश्यी तिर्यश्चस्त्रियां संख्यातगुणी हैं, उनसे तेजोलेश्यी गर्भज पंचेन्द्रियतिर्यञ्च संख्यातगुणे हैं, उनसे तेजोलेश्यी तिर्यञ्चस्त्रियां संख्यातगुणी हैं, उनसे कापोतलेश्यी तिर्यञ्चयोनिक संख्यातगुणे हैं, उनसे नीललेश्यी विशेषाधिक हैं, उनसे कृष्णलेश्यी विशेषाधिक हैं, उनसे कापोतलेश्यी संख्यातगुणी हैं, उनसे नीललेश्यी विशेषाधिक हैं, उनसे कृष्णलेश्यी विशेषाधिक हैं, उनसे कापोतलेश्यी सम्मूर्छिमपंचेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिक असंख्यातगुणे हैं, उनसे नीललेश्यी (सम्मूर्छिम पंचेन्द्रियतिर्यश्चयोनिक) विशेषाधिक हैं, उनसे कृष्णलेश्यी सम्मूर्छिम-पंचेन्द्रियतिर्यञ्च विशेषाधिक हैं । भगवन् ! इन कृष्णलेश्यावाले से लेकर शुक्ललेश्यावाले पंचेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिकों और तिर्यञ्चस्त्रियों में ? गौतम! सबसे कम शुक्ललेश्यी पंचेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिक हैं, उनसे शुक्ललेश्यी पंचेन्द्रियतिर्यतिर्यञ्च स्त्रियां संख्यातगुणी हैं, उनसे पद्मलेश्यी संख्यातगुणे हैं, उनसे पद्मलेश्यी संख्यातगुणी हैं, उनसे तेजोलेश्यी संख्यातगुणे हैं, उनसे तेजोलेश्यी संख्यातगुणी हैं, उनसे कापोतलेश्यी संख्यातगुणी हैं, उनसे नीललेश्यी विशेषाधिक हैं, उनसे कृष्णलेश्यी विशेषाधिक हैं, उनसे कापोतलेश्यी असंख्यात गुणे हैं, उनसे नीललेश्यी विशेषाधिक हैं, उनसे कृष्णलेश्यी विशेषाधिक हैं । भगवन् ! इन तिर्यञ्चयोनिकों और तिर्यञ्चयोनिक स्त्रियों में ? गौतम ! जैसे नौवाँ कृष्णादिलेश्यावाले तिर्यञ्चयोनिकसम्बन्धी अल्पबहुत्व कहा है, वैसे यह दसवाँ भी समझ लेना। विशेषता यह कि कापोतलेश्यावाले तिर्यञ्चयोनिक अनन्तगुणे होते हैं । इस प्रकार ये (पूर्वोक्त) दस अल्पबहुत्व तिर्यञ्चों के कहे गए हैं .
[४५६] इसी प्रकार मनुष्यों का भी अल्पबहुत्व कहना । परन्तु उनका अंतिम अल्पबहुत्व नहीं है।
[४५७] भगवन् ! इन कृष्णलेश्यावाले से लेकर शुक्ललेश्यावाले देवों में ? गौतम ! सबसे थोड़े शुक्ललेश्यी देव हैं, उनसे पद्मलेश्यी देव असंख्यातगुणे हैं, उनसे कपोतलेश्यी देव असंख्यातगुणे हैं, उनसे नीललेश्यी देव विशेषाधिक हैं, उनसे कृष्णलेश्यी देव विशेषाधिक हैं और उनसे भी तेजोलेश्यी देव संख्यातगुणे हैं । इन देवियों में ? गौतम ! सबसे थोड़ी