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________________ ११८ आगमसूत्र-हिन्दी अनुवाद भगवन् ! जब पश्चिम में उत्कृष्ट अठारह मुहूर्त का दिवस होता है, तब क्या जम्बूद्वीप के उत्तर में जघन्य बारह मुहूर्त की रात्रि होती है ? हाँ, गौतम ! यह इसी तरह-यावत्...होता है । हे भगवान् ! जब जम्बूद्वीप के दक्षिणार्द्ध में अठारह मुहूर्तानन्तर का दिवस होता है, तब क्या उत्तरार्द्ध में भी अठारह मुहूर्तानन्तर का दिवस होता है ? और जब उत्तरार्द्ध में अठारह मुहूर्तानन्तर का दिन होता है, तब क्या जम्बूद्वीप में मन्दर पर्वत से पूर्व पश्चिम दिशा में कुछ अधिक बारह मुहूर्त की रात्रि होती है ? हाँ, गौतम ! यह इसी तरह होती है; भगवन् ! जब जम्बूद्वीप के मन्दराचल से पूर्व में अठारह मुहूर्तानन्तर का दिन होता है, तब क्या पश्चिम में भी अठारह मुहूर्तानन्तर का दिन होता है ?, और जब पश्चिम में अठारह मुहूर्तानन्तर का दिन होता है, तब क्या जम्बूद्वीप में मेरु-पर्वत से उत्तर दक्षिण में भी सातिरेक बारह मुहूर्त की रात्रि होती है ? हाँ, गौतम ! यावत् होती है । इस प्रकार इस क्रम से दिवस का परिमाण बढ़ाना-घटाना और रात्रि का परिमाण घटाना-बढ़ाना चाहिए । यथा-जब सत्रह मुहूर्त का दिवस होता है, तब तेरह मुहूर्त की रात्रि होती है । जब सत्रह मुहूर्तानन्तर का दिन होता है, तब सातिरेक तेरह मुहूर्त की रात्रि होती है । जब सोलह मुहूर्त का दिन होता है, तब चौदह मुहूर्त की रात्रि होती है । जब सोलह मुहूर्तानन्तर का दिवस होता है, तब सातिरेक चौदह मुहूर्त की रात्रि होती है । जब पन्द्रह मुहूर्त का दिन होता है, तब पन्द्रह मुहूर्त की रात्रि होती है । जब पन्द्रह मुहुर्तान्तर का दिन होता है, तब सातिरेक पन्द्रह मुहूर्त की रात्रि होती है जब चौदह मुहूर्त का दिन होता, तब सोलह मुहूर्त की रात्रि होती है । जब चौदह मुहूर्तानन्तर का दिन होता है, तब सातिरेक सोलह मुहूर्त की रात्रि होती है । जब चौदह मुहूर्तानन्तर का दिन होता है, तब सातिरेक सोलह मुहूर्त की रात्रि होती है । जब तेरह मुहूर्त का दिन होता है, तब सत्रह मुहूर्त की रात्रि होती है । जब तेरह मुहानन्तर का दिन होता है, तब सातिरेक सत्रह मुहूर्त की रात्रि होती है । भगवन् ! जब जम्बूद्वीप के मेरुपर्वत से दक्षिणार्द्ध में जघन्य बारह मुहूर्त का दिन होता है, तब क्या उत्तरार्द्ध में भी (इसी तरह होता है)? और जब उत्तरार्द्ध में भी इसी तरह होता है, तब क्या जम्बूद्वीप के मेरुपर्वत से पूर्व और पश्चिम में उत्कष्ट अठारह मुहर्त की रात्रि होती है ? हाँ, गौतम ! यावत्...रात्रि होती है । भगवन् ! जब जम्बूद्वीप के मन्दर पर्वत से पूर्व में जघन्य बारह मुहूर्त का दिन होता है, तब क्या पश्चिम में भी इसी प्रकार होता है ? और जब पश्चिम में इसी तरह होता है, तब क्या जम्बूद्वीप के मन्दर-पर्वत के उत्तर और दक्षिण में उत्कृष्ट अठारह मुहूर्त की रात्रि होती है ? हाँ, गौतम ! यावत्...रात्रि होती है । [२१८] 'भगवन् ! जब जम्बूद्वीप के दक्षिणार्द्ध में वर्षा (ऋतु) का प्रथम समय होता है, तब क्या उत्तरार्द्ध में भी वर्षा (ऋतु) का प्रथम समय होता है ? और जब उत्तरार्द्ध में वर्षाऋतु का प्रथम समय होता है, तब जम्बूद्वीप में मन्दर-पर्वत से पूर्व पश्चिम में वर्षा-ऋतु का प्रथम समय अनन्तर-पुरस्कृत समय में होता है ? 'हाँ, गौतम ! यह इसी तरह होता है ।' भगवन् ! जब जम्बूद्वीप में मन्दराचल से पूर्व में वर्षा (ऋतु) का प्रथम समय होता है, तब पश्चिम में भी क्या वर्षा (ऋतु) का प्रथम समय होता है ? और जब पश्चिम में वर्षा (ऋतु) का प्रथम समय होता है, तब, यावत्...मन्दरपर्वत से उत्तर दक्षिण में वर्षा (ऋतु) का प्रथम समय अनन्तर-पश्चात्कृत् समय में होता है ? हाँ, गौतम ! इसी तरह होता है । इसी प्रकार
SR No.009781
Book TitleAgam Sutra Hindi Anuvad Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Aradhana Kendra
Publication Year2001
Total Pages290
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size11 MB
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