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आगमसूत्र-हिन्दी अनुवाद
परित्याग नहीं किया हैं और सदोष आहार आदि का भी परित्याग नहीं किया हैं ।
पुरुष वर्ग चार प्रकार का हैं । यथा-एक पुरुष ने कृषि आदि कर्मो का परित्याग कर दिया हैं, किन्तु गृहवास का परित्याग नहीं किया हैं । शेष तीन भांगे पूर्वोक्त क्रमसे कहे । एक पुरुष ने सदोष आहार आदि का तो परित्याग कर दिया हैं किन्तु गृहवास का परित्याग नहीं किया है । शेष तीन भांगे पूर्वोक्त क्रम से कहें ।
पुरुषवर्ग चार प्रकार का है । एक पुरुष इहभवके सुखकी कामना करता हैं परभव के सुख की कामना नहीं करता । एक पुरुष परभव के सुख की कामना करता हैं इहभव के सुख की कामना नहीं करता । एक पुरुष इहभव और परभव दोनों के सुख की कामना करता हैं । एक पुरुष इहभव और परभव दोनो के सुख की कामना नहीं करता।
पुरुष वर्ग चार प्रकार का है । यथा-एक पुरुष एक (श्रुतज्ञान) से बढ़ता है और एक (सम्यग्दर्शन) से हीन होता है । एक पुरुष एक (श्रुतज्ञान) से बढ़ता हैं और दो (सम्यग्दर्शन
और विनय) से हीन होता हैं । एक पुरुष दो (श्रुतज्ञान और सम्यकचारित्र) से बढ़ता है और सम्यग्दर्शन से हीन होता है । एक पुरुष दो (श्रुतज्ञान और सम्यगनुष्ठान) से बढ़ता है और दो (सम्यग्दर्शन और विनय) से हीन होता है ।
अश्व चार प्रकार के हैं । यथा- एक अश्व पहले शीघ्र गति होता हैं और पीछे भी शीघ्रगति रहता हैं । एक अश्व पहले शीघ्रगति होता हैं किन्तु पीछे मन्द गति हो जाता है । एक अश्व पहले मंदगति होता हैं किन्तु पीछे शीघ्र गति हो जाता हैं । एक अश्व पहले भी मंदगति होता हैं और पीछे भी मंदगति रहता है । इसी प्रकार पुरुष चार प्रकार के हैं । यथा- . एक पुरुष पहले सद्गुणी है और पीछे भी सद्गुणी है । एक पुरुष पहले सद्गुणी है किन्तु पीछे अवगुणी हो जाता है । एक पुरुष पहले अवगुणी है किन्तु पीछे सद्गुणी हो जाता हैं । एक पुरुष पहले भी और पीछे भी अवगुणी होता हैं ।
अश्व चार प्रकार के हैं । यथा-एक अश्व शीघ्रगति है और संकेतानुसार चलता है । एक अश्व शीघ्रगति है किन्तु संकेतानुसार नहीं चलता हैं । एक अश्व मंदगति है किन्तु संकेतानुसार चलता हैं । एक अश्व मंदगति है और संकेतानुसार भी नहीं चलता हैं । इसी प्रकार पुरुष चार प्रकार के हैं । यथा-एक पुरुष विनय गुणसम्पन्न और व्यवहार में भी विनम्र है । शेष तीन भांगे पर्वोक्त क्रम से कहें ।
__ अश्व चार प्रकार के हैं । यथा-एक अश्व जातिसम्पन्न है किन्तु कुलसम्पन्न नहीं हैं । शेष तीन भांगे पूर्वोक्त सूत्र अनुसार । इसी प्रकार पुरुष चार प्रकार के हैं । भांगे पूर्ववत् ।
अश्व चार प्रकार के हैं । यथा-एक अश्व जातिसम्पन्न है किन्तु बलसम्पन्न नहीं हैं । शेष तीन भांगे पूर्वोक्त सूत्र समान । इसी प्रकार पुरुष चार प्रकार के हैं । भांगे पूर्ववत् ।
___अश्व चार प्रकार के हैं । यथा-एक अश्व जातिसम्पन्न है किन्तु युद्ध में वह विजय प्राप्त नहीं कर पाता । शेष तीन भांगे पूर्वोक्त क्रम से कहें । इसी प्रकार पुरुष चार प्रकार के हैं । एक पुरुष जातिसम्पन्न है । किन्तु युद्ध में वह विजयी नहीं होता । शेष भांगे पूर्ववत् ।
इसी प्रकार-कुल सम्पन्न और बल सम्पन्न, कुल सम्पन्न और रूप सम्पन्न, कुल सम्पन्न और जय सम्पन्न, बल सम्पन्न और रूप सम्पन्न, बल सम्पन्न और जय सम्पन्न, रूप सम्पन्न और बल सम्पन्न, रूप सम्पन्न और जय सम्पन्न, अश्व के चार-चार भांगे तथा इसी प्रकार पुरुष के