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नंदी (१५५)
(१५५) इथेइयम्मि दुवालसंगे गणिपिडगे अनंतामावा अनंता अभावा अनंताहेऊ अनंता अहेऊ अनंताकारणा अनंता अकारणा अनंताजीवा अनंताअजीवा अनंतामवसिद्धिया अनंता अभवसिद्धिया अनंतासिद्धा अनंता असिद्धा पत्रत्ता ॥५८-91-67-1
(१५६) भावमभावा हेऊ महेऊ कारणमकारणा चेव
जीवाजीवा भवियममविया सिद्धा असिद्धाय
112411-85
(१५७) इधेयं दुवाल संगं गणिपिडगं तीए काले अनंता जीवा आणाए विराहिता घाउरंतं संसारकंतारं अनुपरिपट्टि इइयं दुयालसंगं गणिपिडगं पडुप्पन्नकाले परित्ता जीवा आजाए विरहिता चाउरतं संसारकंताएं अनुपरिपति, इच्छेइयं दुवालसंगं गणिपिडगं अणागए काले अनंताजीवा आणाए विराहित्ता चाउरंतं संसारकंतारं अनुपरिथसिंति इदयं दुवालसंग गणिपिडगं तीएकाले अनंताजीवा आणाए आराहित्ता चाउरतं संसारकंतारं बीईवइंसु इच्चेइयं दुवालसंगं गणिपिडगं पडुप्पन्नकाले परित्ता जीवा आणाए आराहित्ता चाउरतं संसारकंतारं वीईथयंति इच्चेइयं दुवालसंगं गणिपिडगं अणागए काले अनंता जीवा आणाए आराहित्ता चाउरंतं संसारकंताएं बीईदइस्संति इच्चेइयं दुवालसँगं गणिपिडगं न कयाइ नासी न कयाइ न भवइ न कयाइ न भविस्संइ भुविं च भवइ य भविस्सइ य धुये नियए सासए अक्खए अव्बए अवलिए निचे से जहानामए पंचत्थिकाए न कयाइ नासी न कयाइ नत्थि न क्रयाइ न भविस्सइ भुविं च भवइ य भविस्सइ य धुंवे नियए सासए अक्खए अव्वए अवट्ठिए निचे एवामेव दुवालसंगे गणिपिडगे न कयाइ नासी न कयाइ नत्थि न कयाइ न भविस्सइ पुर्वि च भवइ य भविस्सइ य धुवे नियए सासए अक्खए अव्यए अवट्ठिए निचे से समासओ चउव्विहे पन्नत्ते तं जहा दव्वओ खेत्तओ कालओ भावओ तत्य दव्वओ णं सुयनाणी उवउत्ते सव्यदव्वाई जाणइ पासइ खेत्तओ णं सुयनाणी उवउत्ते सव्वं खेत्तं जाणइ पासइ कालओ णं सुयनाणी उवउत्ते सव्यं कालं जाणइ पासद्द भावओ णं सुयनाणी उवउत्ते सव्ये मावे जाणइ पासइ 1421-67
( १५८) अक्खर सण्णी सम्मं साइयं खलु सपज्जबसियं च गमियं अंगपविद्धं सत्तवि एएसपडिवक्खा ( १५९) आगम-सत्यग्गहणं जं बुद्धिगुणेहिं अट्ठहिं दिट्ठ बिंति सुयनाणलंभं तं पुव्यविसारया धीरा (१६०) सुस्सूसइ पडिपुच्छइ सुणइ गिण्हइ य ईहए यावि तत्तो अपोहए वा धारेइ वा सम्पं
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(१६१) भूअं हुंकारं या बाढक्कार पडिपुच्छं वीमंसा ततो पसंगपारायणं च परिणिट्ट सत्तमए (१६२) सुत्तत्यो खलु पढमो बीओ नित्तिमीसओ मणिओ तइओ य निरवसेसो एस विही होइ अनुओगे (१६३) सेत्तं अंगपविद्धं सेत्तं सुयनाणं सेत्तं परोक्खं सेत्तं नंदी । ५९1-59
४४ नंदी सुत्तं समत्तं पढमं चूलियासुत्तं समत्तं
1|2|1-88
||८७||-87
॥८९॥
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113011-00