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गाहा-८६
॥५४||-33
५७1-56
(८६) चिक्खाल्लयालसावयसरेणुकंटयतणे बहुजले अ लोगोऽविनेच्छइरहे को नुविसेसो मयंतस्स
॥४९/48 जयणपजणयं च गिही सचित्तमीसे परित्तऽनंतेय नविजाणंति न यासिं अयहपइण्णा अह विसेसो ||५०|49 अविअ जणो मरणमया परिस्समभया व ते विवजेइ ते पुण दयापरिणया मोक्खत्यमिसी परिहरंति 11498-50 अविसिमिविजोगंमिबाहिरे होइ विहुरया इहरा सुद्धस्स उसंपत्ती अफलाजं देसिआ सपए
॥५२||-51 एक्कमिवि पाणिवहमिदेसिअंसुमहदंतरं समए
एपेव निचरफला परिणामयसा बहुविहीआ ॥५३॥-52 (११) जेजत्तिआ य हेऊ मवस्स ते चेव तत्तिआ मुक्खे
गणणाईया लोगा दुण्हदि पुण्णा भवे तुल्ला (१२) इरिआवहमाईआजे चेव हवंति कम्मबंधाय अजयाणं ते वेव उजयाण निव्वाणगमणाय
॥५५॥-64 (९३) एगंतेण निसेहो जोगेसुन देसिओ विही वावि दलियं पप्प निसेहो होज विही वा जहा रोगे
॥५६||-65 जंमि निसेविजंते अइआरोहोज कस्सइ कयाइ तेणेव य तस्स पुणो कयाइ सोही हवोजाहि अनुमित्तोऽविन कस्सइबंधो पावत्युपचओ भणिओ तहविय जयंति जइणो परिणामविसोहिमिच्छंता जो पुण हिंसायपणेसु वट्टइ तस्स नहुपरीणामो दुबोन यतं लिंग होइ विसुद्धस्स जोगस्स
५९-58 तम्हा सया विसुद्धं परिणामंइच्छया सुविहिएणं हिंसाययणा सव्वे परिहरियव्वा पयत्तेणं
॥६०-58 (९८) बजेमित्तिपरिणओ संपत्तीए विमुचई वेरा
अविहंतोऽविन मुघइ किलिभावोत्ति वातस्स ॥६911-60 पढपविइया गिलाणे तइए सण्णी चउत्य साहमी पंचमियंमि य वसही छठे ठाणडिओ होइ
॥६२-81 (१००) एहिएपारत्तगणा दुनिय पुच्छादुवे य साहम्मी
तत्येक्केका दुबिहा चउहा जयणा दुहेक्केका ॥३॥1-82 (१०१) पउिदारगाहा इहलोइआ पवित्ती पासणया तेसि संखडी सड्ढो परलोइआ गिलाणे चेइय वाई य पत्रिणीए
॥६४||-83 (१०२) अविहीपुच्छा अत्यित्य संजया नत्यि तत्यसमणीओ
समणीसु अता नत्थी संका य किसोरवडवाए ॥६५-84 (१०३) सद्दढेसुचरिअकामो संकाधारीय होइ सड्ढीसुं चेइयघरं व नत्यिह तम्हा उ विहीइ पुछेजा
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