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महानिसीह - ५/-२३ (८२३) से भयवं उड्दं पुच्छा गोयमा तओ परेण उड्ढं हायमाणे काल-समए तत्थ णं काले केई छक्काय-समारंभ-विवजी से णंधन्ने पुने वंदे पूए नमंसणिज्जे सुजीवियं जीवियं तेसिं ।१७१
(८२) से भयवं सामण्णे पुच्छा जावणं ययासि गोयमा अत्येगे जेणंजोगे अत्यगेजेणं नो जोगे से भयवं केणं अटेणं एवं बुधइ जहाणं अत्येगेजेणं नो जोगे गोयमा अत्येगे जेसिंणं सामण्णे पडिकुठे अत्येगे जेसिं चणं सामण्णे नो पडिकुठे एएणं अटेणं एवं वुइ जहाणं अत्येगे जे णं जोगे अत्येगे जे णं नो जोगे से भयवं कयरे ते जेसिं णं सामण्णे पडिकुडे कयो वा ते जेसिं च णं नो परियाए पडिसेहिए गोयमा अत्येगे जे णं विरुद्ध अत्येगे जे णं नो विरुद्धे जे णं से विरूद्धे से णं पडिसेहिए जेणं नो विरुद्धे से णं नोपडिसेहिए से भयवं के ण से विरुद्ध के वाणं अविरुद्धे गोयमा जे जेसुंदेसेसुंदुगुंछणिजे जेजेसुं देसेसुंदुगुछिए जे जेसुंदेसेसुपडिकुडे से णं तेसुंदेसेसुं विरुद्धे जे य णं जेसुं देसेसुंनो दुगुंछणिज्जे जे यणं जेसुं देसेसुं नो दुगुछिए जे य णं जेसुंदेसेसु नो पडिकुडे से णं तेसुंदेसेसुंनो विरुद्ध तत्य गोयमा जेणं जेसुंजेसुंदेसेसु विरुद्धे से णं नो पव्वादए जेणं जेसुंदेसेसुं नो विरुद्धे से णं पव्वावए से भय के कत्थ देसे विरुद्ध के वा नो विरुद्ध गोयमा जे णं केई परिसे इ वा इथिए इ वा रागेण वा दोसेण वा अनुसरण वा कोहेण वा लोभेण वा अवराहेण वा अणवराहेण वा समणं वा माहणं वा मायरं वा पियरं वा मायरं वा भइणि वा माइणेयं सुयं वा सुयसुयं वा धूयं वा नत्तुयं वा सुण्डं वा जामाउयं वा दाइयं वा गोत्तियं वा सजाइयं वा विजाइयं वा सयणं वा असयणं वा संबंधियं वा असंबंधियं या सणाहं वा असणाहं वा इदिसतं या अणिड्डिमंतं या सएसियं वा विएसियं वा आरियं वा आणारियं वा हणेन वा हणावेज वा उद्दवेल वा उद्दयावेज वा से णं परियाए अओग्गे सेणं पावे से णं निदिए से णं गरहिए से णं दुगंछिए से णं पडिकुट्टे से णं पडिसेहिए से णं आवई से णं विग्घे से गं अयसे से णं अकित्ती से णं उम्पागे से णं अणायारे एवं रायदुढे एवं तेणे एवं पर-जुक्इ-पसत्ते एवं अण्णयो इवा केई वसणाभिभूए एवं अयसकिलिडे एवं छुहाणडिए एवं रिणोवहुए अविण्णायजाइ कुल सील सहावे एवं बहु-वाहि-वेयणा-परिगय-सरीरे एवं रसलोलुए एवं बहु-निद्दे एवं इतिहास-खेड़-कंदप्प-नाह-वायचच्चरि-सीले एवं बहु-कोऊहले एवं बहुपोसवगे जावणं मिच्छद्दिट्ठि-पडिणीय-कुलुप्पन्ने इ वा सेणं गोयमा जे केई आयरिए इ वा मयहरए इ वा गीयत्ये इ वा अगीयत्ये इ वा आयरिय-गुण-कलिए इ वा मयहर-गुण कलिए इ वा भविस्सायरिए इ वा मविस्स-मयहरएइ वा लोभेण वा गारवेण वा दोण्हं गाउय-सयाणं अब्तरं पव्वावेज्जा से णं गोयमा वइक्क मिय-मेरे से णं पययण-बोच्छित्तिकारए से णं तित्थवोच्छित्तिकारए से णं संघ-वोच्छित्ति कारए से णं वसणाभिभूए से णं अदिट्ट-परलोग-पच्चवाए से णं अणायार-पवित्ते से णं अकज्जयारी से णं रावे से णं पाव-पावे से णं महा-पाव-पावे से णं गोयमा अभिगहिय-चंड-रुद्द-कूर-मिच्छविडी|१८|
(८२५) से भयवं के णं अटेणं एवं वुच्चइ गोयमा आयारे मोक्ख-मागे नो णं अनायारे मोक्खमागे एएणं अटेणं एवं वुचइ से भयवं कयरे से णं आयारे कयरे वा से गं अनायारे गोयमा आयारे आणा अनायारेणं तप्पडिवखे तत्थ जेणं आणा-पडिवक्खे से णं एगते सव्य पयारेहिणं सव्वहा वाणिजे जे य णं नो आणा-पडिवक्खे से गं एगंते णं सव्व-पयारेहिं णं सव्वहा आयरणिग्ने तहाणं गोयमाजंजाणेजा जहाणं एसणंसामण्णं विराहेमा सेणं सव्वहा विवजेजा।१९।।
(२६) से भय केह परिक्खा गोयमा जे केइ पुरिसे इ वा इत्थियाओ वा सामण्णं
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