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Tক্তি)
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महानिसीई - ५/-१७६१ (७६१) जत्य य गोयम बहु विहविकप्प-कल्लोल-चंचल-मणाणं
अाणमणुडिइ भणियंतं केरिसंगछं (७६२) जत्थेक्कंग-सरीरो साहू अह साहूणि व्व हत्य-सया
उड्डंगच्छेअ बहिं गोयम गच्छम्मि का मेरा (७६३) जत्य य अजाहि समं संलावुल्लाव-माइ-ववहारं
मोत्तुं धम्मुवएसं गोयमतं केरिसं गच्छं (७६४) मयवमणियत्त-विहारं नियय-विहार नतावसाहुणं
कारण नीयावासंजो सेवेतस्स का पत्ता (७६५) निम्मम-निरहंकारे उजुत्ते नाण-दंसण-चरित्ते
सयलारम-विमुक्के अप्पडिबद्ध सन्देहे वि (७६६) आयारमायरंते एगक्खेत्तेवि गोयमा मुणिणो
वास-सयं पि वसंते गीयत्येऽऽराहगे पणिए (७६७) जत्य समुद्देस काले साहूणं मंडलीए अजाओ
गोयम ठवंति पादे इत्यी-रजंनतं गच्छं (७६८) जत्य यहत्य-सए वि य रयणीचारं चउण्हमूणाओ
उड्ढं दसण्णमसई करति अनाउंनोतयं गच्छं (७६१) अववाएणं विकारण-यसेण अशा चउण्हमूणाओ गाऊयमविपरिसर्कतिजत्थतं केरिसंगच्छं
॥७९॥ (७७०) जत्य य गोयम साहू अजाहिं समं पहम्मि अद्णा अववाएण विगच्छेज तत्व गच्छम्मि का मेरा
11८011 (७७१) जत्ययति-सद्धि-भेयं चक्खरागण दीरणिं साह
अजाओ निरिक्खेज्जा तं गोयमा कैरिसंगछं (७७२) जत्य य अञ्जालद्धं पडिग्गहमादि-विविहमुवगरणं परिमुनइ साहहिं तंगोयमा केरिसं गच्छं
||८२॥ (७७३) अइदुलहं भेसअंबल-बुद्धि-विवद्धणं पि पुट्टिकर
अज्जा लद्धं मुझइ का मेरा तत्य गच्छम्भि (७७४) सोऊण गई सुकुमालियाए तहससग-भसग भइणीए
तावन बीससियवं सेयट्ठी धम्मिओ जाव (७७५) दढचारित्तमोत्तुं आयरियं मयहरं च गुण-रासिं
अञ्जा अज्झावेइ तं अणगारंन तंगच्छं (७७५) घण-गज्जिय हय-कुहुकुहुय-विजु-दुगेग्न-मूल-हिययाओ होजा वावारियाओ इत्थी अंनतं गच्छं
॥८६॥ (७७७) पञ्चक्खा सुयदेवी तव-लद्धीए सुराहिव-नुया वि
जत्य रिएज्जेकजा इत्यी-रझंनतं गच्छं (७७८) गोयमपंच महव्यय गुत्तीणं तिण्डं पंच-समईणं
दस-विह-धम्मस्सेक्कं कहवि खलिजइ नतं गच्छं
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