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मानिसीई-/-१४६३ (१४६३) आलोइय-निंदय-गरहिमओ विकय-पायच्छित्त-नीसल्लो
उत्तम-ठाणम्मि ठिओ पुढवारंमं परिहरेजा (१४६४) आलोइय-निंदिय गरहिओ विकय-पायच्छित्त-नीसल्लो उत्तम-ठाणमि ठिओजोईए मा फुसायेजा
।।८५॥ (१४६५) आलोइय-निंदिय-गरहिओ विकय-पायछित्त संविग्गो
उत्तम ठाणम्मि ठिओ मा चियावेज अत्ताणं (१४६६) आलोइय-निंदिय-गरहिओ विकय पायच्छित्तं संविग्गो
छिन्नं पितणं हरियं असई मणगंमा फरिसे (१४६७) आलोइप-निंदिय-गरहिमो विकय पायच्छित्तं संविग्गो
उत्तम ठाणम्मिठिओजावजीवं पिएतेसिं (१४६८) बेइंदिय-तेइंदिय-चउरो-पंचेदियाण जीवाणं
संघट्टण परियावण-किलावणोद्दवण मा कासी ||८९|| (१४६९) आलोइय-निंदिय-गरहिओ वि कय-पायच्छित्त संविग्गो
उत्तम ठाणम्मि ठिओसावजं मा भणिज्जासु ॥१०॥ (१४७०) आलोइय-निंदिय-गरहिओ विकय-पायच्छित संविग्गो
लोयटेण विभूईगहिया गिहि उक्खिविउ ऽ दिन्ना (१४७१) आलोइय-निंदिय-गरहिओ विकय-पायच्छित संविग्गो
जो इत्थिं संलवेजा गोयमा कस्य स सुन्निही (१४७२) आलोइय-निंदिय-गरहिओ विकय-पायच्छित्त नीसली चोद्दस-धम्मुवगरणं उड्ड मा परिग्गहं कुञा
॥९३॥ (१४७३) तेर्सि पि निम्ममत्तो अमुच्छिओ अगढिओ दढं हविया
अह कुजा उ ममत्तं ता सुद्धी गोयमा नत्यि . (१४७४) किंबहुणा गोयमा एत्य दाऊण आलोयणं रयणीए आविए पाणं कत्थ गंतुंस सुझिही
॥९॥ (१४७५) आलोइय-निंदिय-गरहिओ वि कय-पायच्छित्त नीसल्लो
छाइक्कमे न रक्खे जो कत्य सुद्धिं लभेज्न सो (१४७६) अप्पसत्ये पजे भावे परिणामे पदारुणे
पाणाइयायस्स घेरमणे एस पढमे अइक्कमे (१४७७) तिव्व-रागा यजा भासा निडर-खर-फरुस-कक्कसा मुसावायस्स वेरसणे एस बीए अइक्कसे
॥९८॥ (१४७८) उपगहं अजाइता अचियतम्भि अवगाहे
अदत्तादानस्स वेरमणे एस तइए अइकूकमे
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