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अगायण : पामा धूलिया भययंउड्ढेपुछागोयमाउदैन केइएरिसेपुर-भागे होहीजस्सणंइणमोसुपक्खंधउवइसेना।३।
(१३७८) से भय केयइयाइं पायच्छित्तस्स णं पयाई गोपमा संखाइयायं पायच्छित्तस्सणं पयाई से भयवं तेसिं णं संखाइयाणं पायच्छित्तस्स पयाणं कि तं पढणं पायच्छित्तस्स णं पयं गोयपा पइदिन-किरियं से मयवं किं तं पइदिण-किरियं गोयमा जं अनुसमयं अहत्रिसा-पाणोवरमं जाव अनुडेयव्याणि संखेजाणि आवस्सगाणि से मयदं केणं अद्वेणं एवं घुच्चइ जहा णं-आवास्सागाणि गोयमा असेस कसिणट-कम्म कक्खयकारि-उत्तम-सम्म-दंसण-नाण-चारित-अश्चंत-घोर-वीरुग्गकट्ठ-सुदुक्कर-तव साहणट्ठाणए परुविअंति नियमिय विभतुद्दिष्ट-परिमिएणं काल-समएणं पयंपएणं अहनिस-अनुसमयं आजष्मं अवस्सं एव तित्ययराइसु कीरति अनुट्टिनंति उदइसिजंति परूविजंति पत्रविजंति सययं एएणं अद्वेणं एवं पुच्चइ गोयमा जहा णं-आवस्सगाणि तेसिं च णं गोयमा जे भिक्खू कालाइक्कमेणं वेलाइक्कमेणं समयाइक्कमेणं अलसायमाणे अनोवउत्तपमत्ते अविहीए अन्नेसिं च असद्धं उप्पायमाणे अन्नयरमावस्सगं पमाइय-पमाइयं संतेणं पलचोरिएणं सात-लेहडत्ताए आलंबणं वा किंचिधेत्तूणं चिराइउं पउरिया नोणं जहुत्तपालं समणुढेशा से णंगोयपामहा-पायच्छित्तीभवेत्रा।
(१३७१) से मयवं किं तं बितियं पायच्छित्तस्सणं पयं गोयमा बीयं तइयं चउत्थं पंचमं जाव णं संखाइयाई पचित्तस्स णं पयाइं ताव णं एत्यं च एव पढम-पच्छित्त-पए अंतरोवगायाई समणुविंदा से भय केण अटेणं एवं बुच्चइ गोयमा जओ णं सव्वावस्सग कालाणुपेही भिक्खू णं रोट्टग्झाणं-राग-दोस कसाय-गारब-ममाकाराइसु णं अनेग-पमायालंबणेसु सव्व-भाव-मावतरंतररेहि णं अञ्चत्तं-विप्पमुक्को भवेझा केवलं तु नाण-दसण-चारित-तवोकम्म-सन्झायज्झायणसद्धम्मावस्सगेसु अचंतं अणिगूहिय-बल-चीरिय-परक्कमे सम्मं अभिरमेझा जाय गं सद्धम्मावस्सगेसुं अभिरमेजा ताव णं सुसंवुडासव-दारे हवेझा जाव णं सुसंवुडासव-दारे हवेज्जा ताव णं सजीव-वीरिएणं अणाइ-भय-गहणं संचियाइव-दु-दु-कम्मरासीए एगंत-निट्ठवणेक्कबस-लक्खो अनुक्कमेण निरुद्ध-जोगी भवित्ताणं निबद्धासेस-कम्मिंधणे विमुक्क-जाइ-जरामरण-चउगइ-संसार-पास-बंधणे य सव्व-दुक्ख-विमोक्ख तेलोक्कं-सिहर-निवासी पवेशा एएणं अटेणं गोयमा एवं बुच्चइ जहा णं-एत्यं चेव पढम-एव अवसेसाई पायच्छित्तं-पयाई अंतरोवगयाई समणुविंदा।।
(१३८०) से मययं कयरे ते आवस्सगे गोयमा णं चिइ-बंदणादओ से भयवं कम्ही आवस्सगे असई पमाय-दोसेणं कालाइक्कमिए इया वेलाइकमिए इया समयाइकमिए इषा अणोवउत्त-पमत्ते इ वा अविहीए समणुटिए इ या नो णं जहुतयालं विहीए सम्मं अनुहिए इ वा असंपडिए इवा विच्छंपडिए इषा अकए इवा पमाइएइवा केवतियं पायच्छित्तं उवइसेझा गोयमा जे केई भिक्खू वा भिक्खुणी वा संजय-दिरय-पडिहय-पञ्चक्खायपाव-कम्मे-दिक्खा-दिया-पभईओ अनुदियह जावजीवाभिग्गहेणं सुविसत्ये भत्ति-निमरे जहुत्त-विहीए सुत्तत्यं अनुसरमाणेण अणन-माणसे -गग्ग-चित्ते तग्गय माणस-सुहझवसाए यय-युइहिं न तेकालियं चेइएवंदेशा तस्स णं एगाए वाराए खवणं पायच्छितं उवइसेजा बीयाए छेदं तइयाए उवट्ठावणं अविहीए चेइयाई वंदए तओ पारंचियं जओ अविहीए चेइयाई वंदेमाणे अन्नेसं असद्धं संजणे इइ काउणं जो उण हरियाणि वा बीयाणि वा पुष्पाणि वा फलाणि वा पूया था महिमट्ठाण वा सोपवाए या संघटेज या
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