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गहा-२४७३
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॥२४७६॥
२४७७॥
२४७८॥
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॥२४८१॥
(२४७१) जदिपुणबहिया हाणी तर्हि वटिगुणाण तत्य अछंति
के पुणगुणादि भणिया मनति नाणादिया होति (Prur) कालातीते दोसा दव्यक्खओ होइ अच्छमाणाणं
तम्हा उन चिहिसा अतिरित्तंदुविहकालम्मि (२४७५) निद्दय अनुकंपाए गिहिणं तो नाम न वसहा तुब्मे
मणति न होति एवं मासाहर्णचरणमेदो (२४७६) चोदेताहारादिसु सुअंतेसूवि नामजं तीए
तत्य न चिट्ठइ तन्नाम निद्दयतेण गहियाणं (२४७७) मा पाविहिति धम्मं गिहिणो साहूण फासुदाणेणं
इय निद्दयता अहवा इहलोगनुकंपया तेर्सि (२४७८) मा दव्यखओ होही अनुवासे निघासाहुदाणेणं
इय अनुकंपिहलोए भण्णइन उएवमादीहिं (२४७१) मा होज चरणभेदो पुत्रातीतंमि संवसंताणं
अतिचिरसंवासेणं सिणेहमादीहिं दोसेहिं (२४८०) एसो उकालकप्पो एवं वक्खाणिओ समासेणं
अहुणा उ उवहिकप्पं गुरूवएसेणं वोच्छामि (२४८) उयगेण्हति उवकारं करेइ उवहीयतेणं उवहीउ
किं कारणंतु उवही उद्दिसिओ मण्णती सुणसु (२४८२) जीवाणऽणुगाहट्ठा एवं खलु वनिओइहं तित्ये
काऊणऽगुग्गहपदं पडिणीयपदे अभावो उ (२४८३) रसयादनुकंपट्टाअगणीमादीणं चेव रक्खडा
असहूणऽणुकंपट्ठा य उवहीगहणं जिणा बेति (२४८r) आहजहऽणुग्गहठ्ठा यत्यादीगहण देसियं समए
तो असहूणं कम्हा थोपरिभोगो नऽणुष्णाओ (२४८५) मण्णइ पयित्तिकम्हिऽयि पुण होति अपवित्ती उ
संजमपडिणीयत्ता मेहुणमादीण नाणुण्णा (२४८t) नाणचरणट्ठियाणं उवग्गइंकगति नाणचरणाणं
आहारवहिसेना तेण उ उपहित्तणं बेति (२४८७) जस्स पुणोवहि गहिता उवघातकरी उतस्स उवघातो
कह उवघात करेती अइरित्तगहो यमुच्छाय (२४८८) संयरमाणो गेहति अतिरितं उयहि जो मवे समणो
__वण्णादिजुते मुच्छति इट्टाहारे धुवस्सेवं (२४८९) एतेसु अणिडेसुयजो दुस्सति से करेइ उवघातं
नाणादीणं दिण्हं तिण्हं तम्हा ते बाझिए हेतू (२४१०) जो जत्य जदा जहियं उवही परिभोगओ अनुण्णाओ
सो तत्य अणइवारो अणणुण्णाते चरणभेदो
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