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पंचकप्पो - (१९१७)
॥१९१७||
।।१९१८
॥१९१९॥
||१९२०॥
||१९२११॥
||१९२२॥
11१९२३॥
11१९२४॥
(१९१७) तह पवयणपत्तिगओ साहम्मियवच्छलो असढभावो
परिवहति अपरितंतो खित्तविसमकालदुग्गेसु (१९१८) जइ एक्कमाणजिमिता गिहिणोऽविय दीहमेत्तिया होति
जिणवयणबहिब्भूता धम्मं पुत्रं अयागंता (१९१९) किं पुण जगजीवसुहावहेण संभुंजिऊण समणेणं
सक्को हुन एक्कमेकको नियओविवरक्खिउंदेहो (१९२०) केरिसयं संभुंजे केरिसयं वाविऊन संभुजे
भण्णइ उग्गमसुद्धं मुंजे असुद्धंन मुंजेजा (१९२१) चोदेआहारादी उग्गममादी असुद्ध मा मुंजे
जं पुण अपेहणादीकालादीहिं उयहयंतु (१९२२) तंपुणसुद्धोवहिणा मा समयं एक्कहिं तुंबंधेजा
संघासेणं तस्स उ उवघाओ माहुसुद्धस्स (१९२३) भत्रति सुद्धस्स जती संघासेणं तु होइ उवघातो
सुद्धेण असुद्धेण ऽविपावइ सुद्धि तव मएणं (१९२४) अह उवघातोत्ति मतं संफासेण उमता विसोही ते
ननुते इच्छामेत्तं न य इच्छामित्तओ सिद्धी (१९२५) उवघातो विसोही या नस्थिय जीवस्सपावओएसो
उवघातो विसोही वा परिणामवसेण जीवस्स (१९२६) तस्सेद पसत्यस्स उपरिणामस्स अह रक्खणहाए
कीरइ संभोगविही गच्छपसत्तीइमा गच्छे (१९२७) संभोगकप्पदारं एवं खलु वणियं पए एवं
आलोयणकप्पविहिं एत्तो योच्छंसमासेणं (१९२८) दुधिहपडिसेवणाए दोहाण दुपागताण ठाणाणं
जस्सेव उ अभिमुहओ आलोएमा तदवाए (१९२९) दप्पिया कप्पिया चेव दुविहा पडिसेवणा
दप्पियाए उ दोट्ठाणा मूले तह उत्तरे चेय (१९३०) कप्पियाएविएमेव दो ठाणा उ वियाहिया
जपणा अजयणाचेव एक्केक्का य वियाहिया (१९१७) जस्सेवअभिमुहोतीजंचेवयकाउ विहरते पुरतो
आयरियउवम्झाया तस्सेव उतं तु आलोए (१९३२) अहवाजंजह सेवित मूलगुणे चेव उत्तरगुणेय
पाणतिवातादीसुय वएसुतं तं तहाऽऽलोए (१९१३) अहवामोक्खाभिमुहोमोक्खट्टाए उ अट्ठकम्माणं
अणलोइए न मुंचति कम्हाइणमोनिसामेहि (१९५४) जइदिय तवगुणजुत्तो होइ मणुस्सो अणुद्धरियसल्लो
नकरेति दुक्खमोक्खं समुद्धरणे पततियवं
11१९२५॥
।।१९२६॥
॥१९२७॥
||१९२८11*
||१९२९॥
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