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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सूतं - १२ सव्वदरिसीणं सिवमयलमरुयमणंतमक्खयमव्वाबाहमपुणरावत्तगं सिद्धिगइनामधेचं ठाणं संपताणं नमोत्थु णं समणस्स भगवओ महावीरस्स आदिगरस्स तित्थगरस्स [सहसंबुद्धस्स पुरिसोनमस्स पुरिससीहस्स पुरिसवरपुंडरीवस्स पुरिसवरगंधहत्वियस्स स अभयदयस्स चक्खुदयस्स मदरस सरणदयस्स जीवदयस्स दीवो ताणं सरणं गई पइट्ठा धम्मवरचाउरंतचक्कवहिस्स अप्पsिहयवरनाणदंसणधरस्स विबट्टछउमस्स जिणस्स जाणयस्स तिष्णस्स तारयस्स पुत्तस्स मोयगरस बुद्धस्स बोहयरस सव्यन्नुस्स सव्वदरिसिस्स सिदमयलभरुयमणंतमक्खयमव्वाबाहमपुणरावत्तगं सिद्धिगड्नामधेनं ठाणं] संपाविउकामस्स ममं धम्मायरियस्स धम्मोपदेसगस्स वंदामि णं भगवंतं तत्यगयंइहगए पासइ मे भगवं तत्यगए इहगयं ति कट्टु वंदइ नपुंसइ वंदित्तानमंसित्ता सीहासणवरगए पुरत्याभिमुही निसीयइ निसीइत्ता तस्स पवित्ति-वाउयस्स अद्भुत्तरं सयसहस्सं पीइदाणं दलयइ दलइत्ता सक्कारेइ सम्माणे सक्कारेत्ता सम्माणेत्ता एवं वयासी जया णं देवाप्पिया समणे भगवं महावीरे इहमागच्छेजा इह समोसरिजा इहेद चंपाए नयरीए बहिया पुत्रभद्दे बेइए अहापडिरूवं ओग्यहं ओगिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरेज्जा तया णं मम एयम निवेदिजासि त्ति कट्टु विसज्जिए 1921-12 (१३) तए णं समणे भगवं महावीरे कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए फुल्लुप्पल-कमल-कोमलुम्मिलियंमि अहपंडुरे पहाए रत्तासोगप्पगास-किंसुय समुह-गुंजद्ध-रागसरिसे कमलागरसंडबोहए उट्ठम्मि सूरे सहस्सरस्सिमि दिणयरे तेयसा जलते जेणेव चंपानयरी जेणेव पुणभद्दे चेइए तेणेव उवागच्छइ उद्यागच्छित्ता अहापडिरूवं ओग्गहं ओगिव्हित्ता संजयेणं तवसा अप्पा भावेमाणे विहरइ 1931-13 - (१४) तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी बहवे सपणा भगवंतो - अप्येगइया उग्गपव्वइया भोगपव्वइया राइण्ण-नाय- कोरव्व खत्तियपव्वइया भड़ा जोहा सेणावई पत्यारो सेट्ठी इन्या अण्णे य वहवे एवमाइणो उत्तमजाइ-कुल-रूव विणय-विण्णाणवण-लावण्ण-विकूकम- पहाण-सोभग्ग-कंतिजुत्ता बहुधण-धन्न- निचय-परियाल- फिडिया नरवइगुणाइरेगा इच्छियभोगा सुहसंपललिया किंपागफलोवमं च मुणियविसयसोक्खं जलबुब्बुयसमाणं कुसग्ग- जलबिंदुचंचलं जीवियं य नाऊण अद्भुवमिणं स्यमिव पडग्गलग्गं संविधुणित्ताणं चइत्ता हिरणं चिचा सुवणं चिचा धणं एवं धण्णं बलं वाहणं कोर्स कोट्टागरं रज्जं रवं पुरं अंतेजरं विद्या चिउलधण कणगरण मणि- मोत्तिय संख-सिलप्पवाल- रत्तरयणमाइयं संत-सार-सायते विच्छता विगोवइत्ता दाणं च दाइयाणं परिभायइत्ता मुंडा भवित्ता अगाराओ अणगारिय पव्वइया-अप्पेगइया अद्धभासपरियाया अप्येगइया मासपरियाया अप्पेगइया दुमासपरियाया अप्पेगइया तिमासपरियाया जाव अप्पेगइया एक्कारसमासपरियाया अप्येगइया वासपरियाया अप्पेगइया दुवासपरिया अप्पेगगइया तिवासपरियाया अप्पेगइया अणेगवासपरियाया-संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणा विहरंति 19४1-14 (१५) तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी यहवे निग्गंधा भगवंतो- अप्पेगिया आभिणिबोहियनाणी (अप्पेगिया सुयनाणी अप्पेगइया ओहिनाणी अप्पेगइया मणपजवनाणी अप्पेगइचा] केवलनाणी अप्पेगइया मणबलिया अप्पेगइया वयबलिया अप्पेगइया कायवलिया अप्पेगइया मणेणं सावाणुग्गहसमत्था अप्पेगइया वएणं सावाणुग्गहसमत्था अप्पेगइया १७ For Private And Personal Use Only
SR No.009738
Book TitleAgam 12 Uvavayaim Uvangsutt 01 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages50
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 12, & agam_aupapatik
File Size1 MB
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