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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गो-६, अञ्झयणं - १६ २५ निग्गया तए णं अलकूके राया इमीसे लद्ध हट्ठतुट्टे जहा कोणिए जाव पञ्चवासइ धम्मका तए णं से अलक्के राया समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए जहा उद्दायणे तहा निक्खते नवरं जेट्ठपुत्तं रजे अभिसिंचाइ एक्कारस अंगाई वहू वासा परियओ जाव विपुले सिद्धे एवं खलु जंबू समणेणं [भगवया महावीरेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं] छट्टमस्स वग्गस्स अयमद्वे पत्रत्ते | 94115 • मुद्रे वग्गे सोलसमं अज्झयणं समत्तं छट्टो बग्गो समत्तो • सत्तमो वग्गो -: पढ मं-अज्झ य णं : (४१) जइ णं मंते समणेणं भगववा महावीरेणं अद्रुमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं छट्ठस्स वगस्स अयम पत्ते सत्तमस्स वागस्स के अड्डे पत्रत्ते एवं खलु जंबू समणेणं भगवया महावीरेणं अमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं सत्तमस्स वग्गस्स ] तेरस अज्झयणा पत्रत्ता तं जहा - १६-9/16-1 (४२) नंदा तह नंदबई नंदुत्तर नंदिसेणिया चेव मरुवा सुमरूत्ता महमरूत्ता मरूदेवाय अट्टमा (४३) भद्दा य सुभद्दा य सुजाया सुमणाइया 11-2 भूयदिण्णा य बोधव्या सेणियभजाण नामाई (४४) जइ णं भंते तेरस अज्झयणा पत्रत्ता पढमस्स णं भंते अज्झयणस्स अंतगडदसाणं के अड्डे पत्ते, एवं खलु जंबू तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नयरे गुणसिलए चेइए सेणिए रायावणओ तस्स सेणियस्स रण्णो नंदा नाम देवी होत्या वण्णओ सामी समोसढे परिसा निग्गया तए सानंदा देवी इमीसे कहाए लद्धा हडतुडा कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ सद्दावेत्ता जाणं दुरुहइ जहा पउमाबई जाव एक्कारस अंगाई अहिजित्ता वीलं वासाई परियाओ जाव सिद्धा ।१६-२।-16-2 सत्तमे वृणे पढमं अायणं समत्तं २-१३-अ ज्झ य णा णि: -: (४५) एवं तेरस वि देवीओ नंदागमेण नेयव्वाओ | १६/-16 111-1 • सत्तमे वग्गे २-१३ अज्झयणाणि समतानि सत्तमो वप्नो समतो | अट्टमो-वग्गो -: पढ मं अज्झ य णं-का ली : (४६) जइ णं मंते [समणेणं भगवया महावीरेणं अट्टमस्स अंगस्स अंतडदसाणं सत्तमस्स वस अयम पत्ते अट्ठमस्स वग्गस्स के अड्डे पन्नत्ते एवं खलु जंबू समणेणं भगवया महावीरेणं अट्टमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं अट्ठमस्स वग्गस्स] दस अज्झयणा पन्नत्ता तं जहा | 9७-9117-1 (४७) काली सुकाली महाकाली कण्हा सुकण्हा महाकण्हा वीरकण्हा य बोधव्वा रामकण्हा तहेव य पिउसे कण्हा नवमी दसमी महासेणकण्हा य 119011-1 (४८) जइ अट्टमस्स अंगस्स दस अज्झयणा पत्रत्ता पढमस्स णं भंते अज्झयणस्त अंतगडदसाणं के अट्टे पत्ते एवं खलु जंबू तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा नाम नयरी होत्या पुत्रभद्दे चेइए तत्थ णं चंपाए नयरीए कोणिए राया-वण्णओ तत्य णं चंपाए नयरीए सेणियस्स रण्णो भजा कोणियस्सरण्णो चुलपाउया काली नामं देवी होत्या वण्णओ जहा नंदा जाव सामाइयमाइयाई For Private And Personal Use Only
SR No.009734
Book TitleAgam 08 Antgadadasao Angsutt 08 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages42
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 08, & agam_antkrutdasha
File Size1 MB
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