________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३३५
सतं-१६, उहेसो-१
| सोलसमं - सतं
-: प ट पो-उदे सो :(५६०) अहिंगरणि जरा कम्मे जावतियं गहंगदत्त सुमिणे य
___ उवओग लोग बलि ओहि दीर उदही दिसा थणिते ७६ (६६१) तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे जाव पञ्जुवासमाणे एवं वयासी अस्थि णं भंते अधि- करणिसि वाउयाए वक्कमति हंता अस्थि से भंते किं पुढे उद्दाइ अपुढे उद्दाइ गोयमा पुढे उद्दाइ नो अपुढे उद्दाइ से मंते किं सप्तरीरी निक्खमइ असरीरी निक्खमइ {गोयमा सिय ससरीरी निक्खमइ सिय असरीरी निखमइ से केणतुणं भंते एवं वुच्चइ-सिय ससरीरी निक्खमइ सिय असरीरी निक्खुमइ गोयमा वाउयायस्स णं चत्तारि सरीरया पत्रत्ता तं जहा-ओरालिए वेउबिए तेयए कम्मए ओरालिय उब्बियाई विप्पजहाय तेयय-कम्मएहिं निक्खमइ से तेणद्वेणं गोयमा एवं बुच्चइ-सिय ससरीरी निक्खभइ सिय असरीरी) निक्खमइ ।५६२4561
(६६२) इंगालकारियाए णं भंते अगणिकाए केवतियं कालं संचिट्ठिइ गोयमा जहण्णेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं तिण्णि राइंदियाई अण्णे वितत्थ चाउयाए वक्कमति न विमणा वउयाएणं अगणिकाए उज्जलति ।५६३।-562
(६६३) पुरिसेणं भंते अयं अयकोटुंसि अयोपएणं संडासएणं उब्विहमाणे वा पबिहमाणे वा कतिकिरिए गोयमा जावं च णं से पुरिसे अयं अयकोटुंसि अयोपएणं संडासएणं उब्विहति वा पविहति या तावं चणं से पुरिसे काइयाए जाच पाणाइवायकिरियाए-पंचहि किरियाहिं पुढे जेसिं पि णं जीवाणं सरीरेहितो अए निव्वत्तिए अयकोट्टे निव्वत्तिए संडासए निव्वत्तिए इंगाला निव्वत्तिया इंगालकवणी निव्वत्तिया भत्था निब्बत्तिया ते वि णं जीवा काइयाए जाव पाणाइवायकिरियाए-पंचहिं किरियाहिं पुट्ठा पुरिसेणं भंते अयं अयकोट्ठाओ अयोमेणं संडासएणं गहाय अहिकरणिति उक्खिव्वमाणे वा निक्खिब्वमाणे वा कतिकिरिए गोयमा जावं च णं से पुरिसे अयं अवकोट्ठाओ [अयोपएणं संडासएणं गहाय अहिकरणिसि उविक्खइ वा] निक्खिवइ या तावं चणं से पुरिसे काइयाए जाव पाणावायकिरियाए-पंचहि किरियाहिं पुढे जेसिं पिणं जीवाणं सरीरेहिंतो अयो निव्वत्तिए संडासए निव्वत्तिए चम्मेद्वे निब्बत्तिए मुट्ठिए निव्वत्तिए अधिकरणी निव्वत्तिया अधिकरणिखोडी निव्वत्तिया उदगदोणी निव्वत्तिया अधिकरणसाला निव्वत्तिया ते वि पंजीवा काइयाए जाव पाइणाइवायकिरियाए-पंचहि किरियाहिं पट्टा ५६४1-583
(६६४) जीवे णं भंते किं अधिकरणी अधिकरणं गोयमा जीवे अधिकरणी वि अधिकरणं पि से केणटेणं मंते एवं वुच्चइ-जीवे अधिकरणी वि अधिकरणं पि गोयमा अविरतिं पडुच्च से तेणटेणं [गोयमा एवं बुच्चइ-जीवे अधिकरणीवि अधिकरणं पि नेरइए णं भंते किं अधिकरणी अधिकरणं गोयमा अधिकरणी वि अधिकरणं पि एवं जहेव जीवे तहेच नेरइए वि एवं निरंतरंजाव वेमाणिए जीवे णं भंते किं साहिकरणी निरहिकरणी गोयमा साहिकरणी नो निरहिकरणी से केणद्वेमण-पुच्छा गोयमा अविरतिं पडुच्च से तेणद्वेणं जाव नो निरहिकरणी एवं जाव वेमाणिए जीवे णं भंते किं आयाहिकरणी पराहिकरणी तदुभयाहिकरणी गोयमा आयाहिकरणी वि पराहिकरणी वि दतुभयाहिकरणी वि से केणटेणं भंते एवं वुच्चइ-जाव तदुभयाहिकरणी वि गोयमा अविरति पडुच्च से तेणद्वेणं जाव तदुभयाहिकरणी वि एवं जाव येमाणिए जीवाणं भंते अधिकरणे किं
For Private And Personal Use Only