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________________ प्रकाशकीय अध्यात्मवाद सत्य धर्म की अलख जगाने वाले श्री गुरुदेव तारण तरण मण्डलाचार्य जी महाराज परम वीतरागी शुद्धात्मवादी संत थे। उनके द्वारा रचित चौदह ग्रंथ युगों युगों तक जनमानस के लिये मार्गदर्शन करते रहेंगे। श्री गुरु तारण स्वामी की पावन वाणी जगत के लिये कल्याणकारी है, यह बात अभी तक समझ से परे थी; किन्तु आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है, इस उक्ति की सिद्धि हुई और वर्तमान सामाजिक धार्मिक वातावरण में अपनी भाषा में गुरुवाणी को समझने की जिज्ञासा की तृप्ति हेतु दशमी प्रतिमाधारी आत्मनिष्ठ साधक पूज्य श्री ज्ञानानंद जी महाराज ने गुरुदेव तारण स्वामी द्वारा रचित तीन बत्तीसी, श्रावकाचार, उपदेश शुद्धसार, त्रिभंगीसार जी ग्रंथों की टीकायें लिखीं। इनमें से तीन बत्तीसी (श्री मालारोहण, पंडित पूजा, कमल बत्तीसी जी) का प्रकाशन पूर्ण हो गया है । इसके साथ ही अध्यात्म अमृत, अध्यात्म किरण तथा बाल ब्र. श्री बसंत जी महाराज द्वारा लिखित अध्यात्म आराधना देवगुरु शास्त्र पूजा और अध्यात्म भावना का प्रकाशन भी हुआ है । यह साहित्य विशेष रूप से धर्म प्रभावना में निमित्त बना है। भोपाल तारण समाज को गुरुवाणी प्रचार-प्रसार करने का सौभाग्य मिला है और यहां श्री तारण तरण अध्यात्म प्रचार योजना केन्द्र की स्थापना ३१ मार्च १९९९ को हुई और अल्प समय में ही ज्ञान दान साहित्य प्रचार में गतिशीलता आई। इस कार्य से पूरे देश में महती प्रभावना हो रही है। पूज्य श्री ज्ञानानंद जी महाराज ने इन टीकाओं में गुरुवाणी के यथार्थ भावों को अपनी भाषा में प्रगट कर हमें आत्म हित का मार्ग बताकर महान उपकार किया है। अध्यात्म रत्न बाल ब्र. श्री बसंत जी महाराज ने बड़ी लगन और अथक परिश्रम करके इन टीकाओं का संपादन किया है जो अनुकरणीय और अभिनंदनीय है, हम हृदय से उनके आभारी साहित्य प्रकाशन के इस कार्य को आगे बढ़ाने में भोपाल एवं अन्य स्थानों के अनेक समाज बंधुओं ने अपना अमूल्य सहयोग देकर इस दुर्लभ साहित्य को देश के कोने कोने में पहुंचाने में योगदान दिया है, जो ज्ञानदान का महान कार्य है एतदर्थ, हम सभी का हार्दिक अभिनंदन करते हैं। ___ प्रस्तुत श्री त्रिभंगीसार जी ग्रंथ की अध्यात्म प्रबोध टीका की एक-एक हजार प्रतियों का प्रकाशन क्रमश: तारण तरण जैन समाज सिरोंज,श्री सुभाषचंद जी, प्रभात जी दिगम्बर परिवार होशंगाबाद एवं पाँच सौ प्रति श्री विजय बहादुर जी इंजीनियर ललितपुर की ओर से ज्ञानदान की प्रभावना हेतु तथा पाँच सौ प्रतियों का प्रकाशन श्री तारण तरण अध्यात्म प्रचार योजना केन्द्र भोपाल द्वारा सशुल्क प्रचार-प्रसार प्रभावना हेतु कराया गया है । उदारमना तीनों दानदाताओं के हम आभारी हैं। ब्रह्मानंद आश्रम पिपरिया, महात्मा गोकुलचंद समैया तारण साहित्य प्रकाशन समिति जबलपुर एवं श्री तारण तरण अध्यात्म प्रचार योजना केन्द्र भोपाल श्री गुरुवाणी प्रचार-प्रसार के लिए निरंतर प्रयत्नशील है। __ प्रसन्नता है कि अध्यात्म प्रचार योजना केन्द्र की गतिविधियों में भोपाल नगर स्थित तीनों चैत्यालयों के पदाधिकारी, तारण तरण जागृति मण्डल एवं युवा परिषद् का विशेष सहयोग रहता है। वर्तमान समय की अनिवार्य आवश्यकता थी साहित्य सृजन की, इस दिशा में यह एक सार्थक पहल हुई है, जो सभी को प्रसन्नता और गौरव का विषय है। आत्म निष्ठ साधक पूज्य श्री ज्ञानानंद जी महाराज, अध्यात्म रत्न बाल ब्र. पू. श्री बसंत जी महाराज एवं श्री संघ के प्रति कृतज्ञता अर्पित करते हुए आशा करते हैं कि गुरुवाणी और सत्य धर्म की प्रभावना हेतु पूज्यजनो का मंगलमय मार्गदर्शन और आशीर्वाद मिलता रहेगा, यही पवित्र भावना है। छोटेलाल जैन एवं समस्त पदाधिकारी गण दीपावली पर्व श्री तारण तरण अध्यात्म प्रचार योजना दिनांक २७.१०.२००० केन्द्र भोपाल (म.प्र.) हैं। २
SR No.009723
Book TitleTribhangi Sara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanand Swami
PublisherTaran Taran Sangh Bhopal
Publication Year
Total Pages95
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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