________________
(इ) मंदिर विधि के आधार पर शास्त्र किसे कहते हैं ? (उत्तर स्वयं लिखें।) (फ) सूत्र किसे कहते हैं ?(उत्तर स्वयं लिखें।)
(क) मंदिर विधि में सच्चे देव, धर्म, गुरु, शास्त्र एवं मनुष्य के विषय में क्या कहा है - उत्तर - सच्चे देव - जिनमें जन्म जरा आदि लेश मात्र भी कोई दोष नहीं होते। सच्चे गुरु - जिनके
हृदय में सांसारिक कोई भी चाह (इच्छा) नहीं होती। सच्चा धर्म - जहाँ करुणा दया की प्रधानता होती है। सच्चे शास्त्र - जिनमें प्रारंभ से अंत तक निर्विरोध एक रूप सिद्धांत का कथन होता है। मनुष्य - विवेक पूर्वक सत्य को ग्रहण करने और असत्य को छोड़ने वाला
मनुष्य है। (ख) सिद्धांत ग्रन्थ किसे कहते हैं ? (उत्तर स्वयं लिखें।)
(ग) प्रथम आशीर्वाद का अर्थ बताइये। (उत्तर स्वयं लिखें।) प्रश्न ४-दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
(अ) अबलबली का क्या अर्थ है ? (उत्तर स्वयं लिखें।) (ब) प्रमाण गाथाओं का क्या अभिप्राय है ? (उत्तर स्वयं लिखें।) (स) गुण पाठ पूजा में आये पंच परमेष्ठी के गुणों का चार्ट बनाईये ।
पायरन
तारण वाणी- अमृत सूत्र पूजा पूज्य समाचरेत् पूज्य के समान आचरण ही सच्ची पूजा है। जिन वयनं सद्दहन जिनेन्द्र भगवान के वचनों पर श्रद्धान करो। संमिक्त सुद्धं हिदयं ममस्तं शुद्ध सम्यक्त्व मेरे हृदय में स्थित है। तत्वार्थ साधं बहु भक्ति जुक्तं बहुत भक्ति सहित अपने प्रयोजनीय तत्त्व की साधना करो। धर्म प्रकासं मुक्ति प्रवेसं जो भव्य जीव धर्म का प्रकाश करते हैं, वे मुक्ति में प्रवेश करते हैं। पंडितो गुन पूजते ज्ञानी पंडित गुणों की पूजा करते हैं।