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________________ श्री नाममाला जी श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी इच्छरूवा छीता, जैनरमन वषानु उत्पन्न, हिय रमनरूवा हंसा, मिलनरूवा मया, सुवनरूवा सहिवा, मैनरूवा मदन, चरनरूवा चांदा, अषयरूवा, तिलकरंज कौंडिया, सवनरूवा सोनी, लवनरूवा लाडो, अल्पसुवा अनभा, मैनसुवा मानसिरी, लीनसुवा सेठ उदयसिरी की, गुप्तिरूवाधुता, पदमरूवा पदमजिना, लीनरूवा नैना, हियरंजरूवा हर्षिनी, रैनरूवा रूपनी, कमलरंज देउराज, परसरूवा पंवारदे, उक्तरूवा उदा पटवारी की, मिलन सुवा मूंगा, सनतकुंवार सरौतु, सुवनरूवा सिंगारदे, चेयनरूवा चांदो कुरवाई। रैनरूवा तस्य उत्पन्न चार - विगसरंज विमल, भुवनरंज भीषम, मैनरंज मनो, सुवनकुंवार मिलने - अन्मोय जिन श्रेणि कलन मुक्ति गामिनो। फुटकर नाम - अल्पकुंवार अमरसिरी, नैनरंज निसा, लीनरंज लाला सिंघई, श्रीवयनरूवा पुनसिरी, विपकरूवा षेमा, कर्मरूवा करमा, कलनकुंवार ठाकुर बेटा मानिक को, दीप्तिरूवा देवसिरी, पैकवार पराथ, पयकुंवार पुनसिरी, मैनकुंवार मांडन, रूपचन्द की बेटी कुंवर बाहिरा, विक्तरूवा वारा। फुटकर - दीप्तिरंज देव, भक्तरूवा भाउसिरी, रैनरूवा ठाकुरसिरी। कुटुम्ब धानराजा को कागपुर, गमनकुंवार राजा कलरंजकुंवार पारू, पिउरंज पुना, वैनरूवा वैदा, पदमकुंवार पदारथ, मैनरूवा मानिक, जैनरूवा जैपाल, कर्नरूवा रूवा, कुंवरश्री, कलरंज कौरा, निलयरूवा जैना, धुवरूवा धनसिरी, कमलरूवा कौरा, जानरूवा जैना, जैकुंवार जैनसिरी, नितकुंवार नैनासिरी, नितरूवा नैनसिरी, हरषरूवा हीरा, मिलनरूवा मदना, बैनकुंवार बसाउन वानपुर, गमनकुंवार गोलालारे अहमदपुर, कुकावली, वड़ोयपुरा। रैनसुवा तस्य उत्पन्न पांच - चेयरंज चांदनु, कर्नरंज कुंवरसिरी, मैनरंज महनसी, उक्तरंज हयरमन, सुवनरंज प्रदेस । सुवनी दो - सहजरूवा, दानरूवा- अन्मोय जिन श्रेणि कलन मुक्ति गामिनो। निलयसुवा तस्य उत्पन्न चार - रयनरंज रूपसिरी, जिनरंज जिना, देवरंज पहकरदास, भुवनकुंवार भोजा । सुवनी दो - नितसुवा, पवनसुवाअन्मोय जिन श्रेणि कलन मुक्ति गामिनो। ॐनमः प्रणम्य उत्पन्न परमानंद आनंद सुभाऊ सिद्ध समय साह, अन्मोय सुभाऊ सहजोपनीत, उत्पन्न सुभाऊ सब्द साह सब्द उक्त प्रियौ ३१३१ अन्मोय दिप्ति उत्पन्न साह रुइया जिन, उत्पन्न उत्पन्न कलन कमल जिन श्रेणि १२१७१४ अन्मोय रुइया जिन, साह उत्पन्न कलन कमल जिन श्रेणि उक्त कमल सब्द प्रियौ ३९९१२ षिपन श्रेणि साह अन्मोय, उत्पन्न सुदिप्ति जिन श्रेणि उक्तस्य प्रियो ४३७७३ निलयरंज चाँदन अन्मोय, विपक श्रेणि साह उत्पन्न समय उत्पन्न सुनंद जिन श्रेणि५७७८४ अन्मोय मेघकुंवार, उत्पन्न जिन श्रेणि कलन अन्मोय रुझ्या जिन उत्पन्न साह ६५७७२ अन्मोय सिवकुंवार, उत्पन्न जिन श्रेणि कलन उत्पन्न साह समयरंज अन्मोय रुइया जिन ७२३७, चेय जिन उत्पन्न साह ६७४, रमनचन्द दिस्ट साह उत्पन्न साह १११, हेमकुंवार साह उत्पन्न ३३, भुवन उत्पन्न साह ८४, सुवनरंज सुव १३३, रमन श्रेणि ७२, उदद लुनही ३९७२, पंडित श्री मैनकुंवार उत्पन्न सुर्क श्री २३१, सहजरमन के अजय रमनसाह उत्पन्न १८७, पयकुंवार भय दिस्ट उत्पन्न पंचाइन साह उत्पन्न श्री ३१, मैनश्री उत्पन्न साह ३४, संधै ठाकुर श्री २७२, पयन १७२,करमश्री विरदहा उक्त अन्मोय दिस्टि उत्पन्न उत्पन्न समय ३६०००, साह अर्क उत्पन्न अर्क छत्तीस ४२७२, कमलावती साह उत्पन्न (४६६)
SR No.009713
Book TitleAdhyatma Vani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTaran Taran Jain Tirthkshetra Nisai
PublisherTaran Taran Jain Tirthkshetra Nisai
Publication Year
Total Pages469
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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