________________
श्री नाममाला जी
सतसई सुभाव तस्य उत्पन्न चार रंजरूवा रंजन, दिप्ति रंजन देवगनु, सहजकुंवार होरिल, अयकुंवार प्रदेस । सुवनी चार- मैनश्री, मानश्री, लवनश्री, रमनश्री सरधना उरई। लवनश्री तस्य उत्पन्न तीन- उदयकुंवार उरदू, सयनरंज सुरजू, दिप्तिकुंवार प्रदेस सुवनी एक रयनश्री प्रदेस । रमनश्री तस्य उत्पन्न दस - मैनकुंवार मदन, वैनरंज वैद, रैनरंज रतन मुकाम बम्होरी, कल्परंज करमश्री विरदहा ७४, प्रियकुंवार रूपरथी मानिकपुर ४३, लीनरंज ७४, लवनश्री, षेमरंज पदरथपुर, सिमिरंज प्रदेस ४३१०७, गमनरंज प्रदेसी। सुवनी दो सुवनश्री, सहजश्री अषय जिनश्री तस्य उत्पन्न चारअषयरंज अनंता, मैनरंज महीपति, सुवन रंज मदन साह तेली वढ़वार, सुवनरंज दुदये। सुवनी एक सुवनश्री, अन्मोय कल्परंज दिस्टि प्रिये. अन्मोय जिन श्रेणि कलन मुक्ति गामिनो । विपुलरूवा तस्य उत्पन्न छह - वैनकुंवार वैदनु श्री विरदहा ४१, रयनरंज रतनसी विरदहा ६४, लीनकुंवार लषनसी विरदहा ४१३३, अल्परंज अहिमदन विरदहा २७, सियकुंवार सहस ५४, दिप्तिकुंवार ६, रैनकुंवार रैन, भुवनरूवा भीषम २२७, जिनरूवा मिलनी ३ - अन्मोय जिन श्रेणि कलन मुक्ति गामिनो ।
-
-
महा उत्पन्न न्यानश्री अर्जिका पयोग पट तारन तरन जिन श्रेणि जानश्री, तस्य उत्पन्न पाँच - मैनकुंवार माइन षड़ेहौ, वैनरंज वैदनु षड़ेहौ, विस्वकुंवार वसनमुष षड़ेहौ, ममलकुंवार सेठ सहनश्री, अयकुंवार पते । सुवनी दो- रमनश्री, सूर्यश्री सूर्यश्री की बहिन निलयश्री, तस्य उत्पन्न तीन पदमरंज प्रदेसी, मदनरंज पुनश्री, ब्रिद्धिकुंवार वीरू । सिद्ध सेठी की द्वितीय बहिनी विस्वश्री कनकरंज कुंवारश्री षड़े हौ, गयकुं वार गनेस- अन्मोय जिन श्रेणि कलन मुक्ति गामिनो ।
४५८
श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी अभय श्री सतसई तस्य उत्पन्न जिनकुंवार धने विरदहा १४४, सहकुंवार धनरंज ठाकुर श्री बांभोरी (बम्होरी) ४९, मिलनकुंवार मानोरा परसोंगी ३०९, सहजकुंवार प्रदेसी १४४ । सुवनी दो ब्रितसिरी नैना, रैनसिरी, अन्मोय कल्परंज प्रिये अन्मोय जिन श्रेणि कलन मुक्ति गामिनो ।
-
-
-
-
राजा रे को कुटुम्ब - विनयरूवा वैदा, हियरंज हंसा, निलयरूवा सतसई, तस्य उत्पन्न सात रैनकुंवार रैदनु विरदहा ३३४, हियरंज होली आरडेला ४१७, मिलनकुंवार माड़न साजौ ३२, चेलरंज चांदन विरदहा ३७, वैकुंवार वैद २४, जिन कुंवार मिलने ११७, ब्रितरंज प्रदेसी २५६ । सुवनी दो - नंदरूवा, तिरूवा अन्मोय जिन श्रेणि कलन मुक्ति गामिनो ।
-
सहजरूवा साइति, मैनाउति महासिरी विरदहा, चरनरूवा चंदनसिरी विरदहा, लीनरूवा लाड़ौ, भुवनसुवा भाना सनाई, कलरंज विरदहा, श्री अजिता, सीलरूवा सिंगारदे बसहा, विनय सुवा वैदा, पियरूवा पुना विरदहा, लवनरूवा लषनसिरी, विगसरूवा वैदा, पियरूवा, अल्परूवा सजाइ बम्होरी, श्री रतना आछिरी बांमौरी, अगमरूवा आभा बांमौरी, मिलनरुवा, श्री रतन श्री विरदहा ।
महा उत्पन्न न्यानसिरी अर्जिका पयोग पट तारन तरन जिन श्रेणि जैनसिरी, तस्य उत्पन्न - जयकुंवार जयपति षड़ेहौ, कर्नकुंवार कुबरू षड़ेहौ, विगसकुंवार विमल षहौ, माड़न को बसुकुंवार, रमनरंज राजा, रंजसिरी रानी, बहनी जैनसिरी, तस्य उत्पन्न चार सिवकुंवार सेऊदास पिपरिया, गमन रंजसी उपरैन, रमनरंज उरदु, हियरंज हेमराज, जिनयसिरी सतसई,