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________________ श्री तारण तरण अध्यात्मवाणीजी श्री छास्थवाणी जी आयरन उत्पन्न त्रिलोक, हितकार तिलक, सहकार तिलक, आयरन विंद प्रवेस ॥ ५६ ॥ उत्पन्न उत्पन्न उत्पन्न सुन्न सहाव ॥ ५७॥ छास्थ उत्पन्न छद्यस्थ उत्पन्न छास्थ उत्पन्न ॥ ५८ ॥ मागधी भाषा दिव्यधुनि सुन्न उत्पन्न सुन्न प्रवेस सुन्न सहाउ सुन्न त्रिलोक विजय ॥ ५९ ॥ उत्पन्न पद तिलक, त्रिलोक विजय उत्पन्न विजय ॥ ६० ॥ जय साह, जय साह, जय साह, जय साह, जय साह, जय साह, जय साह, जय साह, जय साह ॥ ६१ ॥ जय उत्पन्न तीनि (३) ।। ६२ ।। जय उत्पन्न दुंदुही सब्द सहकार उत्पन्न, जय दुंदुही सब्द आयरन ।। ६३ ॥ जय दंदुही सब्द आराध्य, जय दंदही सब्द आलाप, जय दुंदुही सब्द अन्मोद, जय दंदही सब्द साह, जय दुंदुही सब्द उत्पन्न साह, जय दुंदुही सब्द विपन, जय दुंदुही सब्द मुक्ति, जय दुंदुही सब्द अनंत सुष्य ॥ ६४ ।। अर्ध कोड, साढ़े बारह कोड मुक्ति विलास ॥ ६५ ॥ विंद उत्पन्न सुन्न सहाव अनंत प्रवेस अनंत धुव बालाग्र कोड मितं, मुक्ति सुभाव ।। ६६ ।। ॥ इति अष्टमोऽधिकारः॥ नवम अधिकार सुल्प सुन्न, अल्प सुन्न प्रवेस ॥१॥ सुल्प सुन्न उत्पन्न अनंत प्रवेस ॥२॥ अनंतानंत अनंतानंत अनंतानंत अनंतानंत अनंतानंत साह तदि उत्पन्न सुल्प सुन्न ॥ ३ ॥ सुल्प इस्ट सुन्न सुल्प सुन्न ।। ४ ॥ उत्पन्न सुन्न सुल्प सुन्न उत्पन्न उत्पन्न ॥ ५ ॥ चतुस्टै साह तं दिप्ति सुन्न, सुन्न अल्प सुन्न ॥ ६॥ अनंतानंत प्रवेस एक हजार चारि सै नब्बै (१४९०) ।। ७ ।। चौदह सै नब्बै कोडाकोड़ी सागर (१४९०), आठ सै चौरानवे (८९४) काल तुम लब्धि ऊपर लब्धि पावहु ॥ ८ ॥ तुम अपने किये हो, कब को कहत आही ॥ ९ ॥ बड़ो पहरु भयो, बड़ो पहरु आगे हुई है ॥ १० ॥ चन्दनु गलावहु रे, का हौं, आपनु कों चाहतु हों ? ॥ ११ ॥ सुल्प सुन्न सुल्प इस्ट सुन्न ।। १२ ।। उत्पन्न उत्पन्न सुल्प सुन्न, महा उत्पन्न उत्पन्न सुन्न, सुल्प सुर्य सुल्प सुन्न ॥ १३ ॥ सुर्य सुल्प उत्पन्न, सुयं सुल्प आयरन सुन्न ॥ १४ ॥ सुयं सुल्प आराध्य सुन्न, सुयं सुल्प आलाप सुन्न, सुयं सुल्प सह साह सुन्न, सुर्य सुल्प असह साह सुन्न, सुर्य सुल्प अगहगाह सुन्न, सुयं सुल्प अलहलाह सुन्न ॥ १५ ॥ सुन्न सुयं सुल्प अधुव विली, धुव उत्पन्न सुल्प सुन्न ॥ १६ ॥ (४४८)
SR No.009713
Book TitleAdhyatma Vani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTaran Taran Jain Tirthkshetra Nisai
PublisherTaran Taran Jain Tirthkshetra Nisai
Publication Year
Total Pages469
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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