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श्री ममल पाहुड जी
प्रकट कलन सुइ कमल रमेई,
सुकलन कमल जिन मुक्ति लहेई ॥
॥
कलन सु कलन सु सुन्न रमेई,
सुन्न सुन्न उव कलन समेई ।। २७ ।। ॥ जिन. ॥
सुन्न प्रवेस अर्क जिन होई,
दिसि अंग सुन्न जिन मुक्ति लहेई ॥ २८ ॥ ॥ जिन. ॥
बत्तीस चौक सु सुयं सु होई,
पयोग रमन सुन्न मुक्ति लहेई ।। २९ ।। ॥ जिन. ॥
सुइ उवन बत्तीस पयोग सुन्न सोई,
२६ ॥ जिन. ॥
कलन प्रवेस उवन जिन होई ॥। ३० || ॥ जिन. ॥
अस्ट प्रवेस कलन कलि सोई,
कलन रमन जिन समय सिद्धि होई ॥
सुइ उवन श्रेनि जिन श्रेनि सु सोई,
३१ ॥ ॥ जिन. ॥
सुड़ कलन कमल जिन मुक्ति लहेई ॥
॥
३२ ॥
जिन. ॥
४२०
सुइ तारन तरन सु कलन कलेई,
सुइ
सुइ कलन कमल जिन मुक्ति लहेई ॥ ३३ ॥ ॥ जिन. ॥
श्रेनि कलन तार कमल सु सोई,
सुइ तार समय जिन मुक्ति लहेई ॥ ३४ ॥ ॥ जिन. ॥
से पंच बहत्तर सुन्न समेई,
श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी
सुइ सुन्न कलन जिन जिनवर सोई ॥ ३५ ॥ ॥ जिन. ॥
(१५३) जयना ले फूलना
गाथा ३१११ से ३११४ तक
जय
उव
(विषय: जिन स्वभाव की महिमा, जिनेन्द्र स्वभाव को प्रगटाने का पुरुषार्थ) जयना ले, जय जय जिनेंद जयना ले । उवन समय जिनु परमानंद, जयना ॥ कलि कलन कलिय सुइ कमल जिनेंद, जयना ले । कलि कमल उवन सुड़ जिनय जिनेंद, जयना ले ॥ जयना ले जिन जिनवर राउ, ले । मुक्ति रमन सम समय सहाउ, ले ॥
१ ॥
जयना जयना
चर
चरन
चरना ले चरन कमल ध्रुव उवन
सहाउ, सुभाउ,
चरना
चरना
२ ॥ ॥ आचरी ॥
ले ।
ले ॥