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श्री ममल पाहुइ जी अवगहै उवनु गुरु लघु रयना, जय अवहवाहु जिन जिनय जिना ॥ ३ ॥
॥ जै जै. ॥ हिय हियं उवनु लष अलष जिना,
मै उवन समय जिनु अगम जिना । मितु मिलनु उवनु दिपि दिस्टि जिना,
जिन उवन सब्द पिउ सिद्धि गमना ॥ ४ ॥
परिनवे परम जिनु उवनु जिना,
सह साह गमनु सिय धुव रमना । जै सब्द उवन पिउ श्रवन जिना, जै उवन कमल केवल उवना ॥ ५ ॥
॥जै जै.॥ परिनतु सुइ समय मलय रमना,
दिपि दिस्टि सब्द पिउ उवनु जिना । कोमल सुइ कमल सु हिय उवना, अवयास कमल सिय साहि जिना ॥ ६ ॥
॥ जै जै.॥ कोमल कलि कलन उव उवन जिना,
कलि कलन चरन जिनु सिद्धि रमना । दिपि दिस्टि रमन जिनु अगम गमा, हुव गमनु मुक्ति कोमल रमना ।। ७ ॥
॥ जै जै.॥
श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी कोमल सुइ उवनु सिय ललिय जिना,
हिय रमन जिनय जिनु धुव रमना । किनि किरनि ललिय जय जय जयना, जय जयो जयं जय मुक्ति जिना ॥ ८ ॥
॥जै जै. ॥ हिय हुवं रमनु गम अगम जिना,
___ जं जं रमन गमनु तं तं हुवनु जिना । जं जं सब्द सुवनु सुइ श्रवन समा, तं तं हुवनु उवनु जिनु मुक्ति रमा ॥ ९ ॥
॥जै जै.॥ हिय उवं लब्धि जिन उवनु जिना,
जय सुर्य लब्धि जिनु सुइ रमना । वे वेय विन्यान सु उवन जिना, वे विनंद विली नंद मुक्ति जिना ॥ १० ॥
॥ जै जै.॥ का कमल कार्ज जिन जिनय जिना,
सुइ क्रांति समय जिनु रमनु जिना । उव उवन क्रांति हिय उवन जिना, सुइ कलप रमन जिनु मुक्ति जिना ॥ ११ ॥
॥जै जै.॥ जै जै फास रमनु अस्फटिक जिना,
तं विगत रमनु अविगत उवना ।
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