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श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी
सुइ दर्स उवन सुइ अर्क अलष जिनु, अवयास कमल सिद्धि रमिजै ॥ १२ ॥
॥ सुनि.॥ सुइ नंत नंत अवयास रमन जिनु,
सुइ श्रेनि कलन सिद्धि गमिजै । सुइ तारन तरन अवयास कमल जिनु, सह समय मुक्ति सुइ मिलिजै ॥ १३ ॥
॥ सुनि. ॥
श्री ममन पाहुइ जी तत्काल रमन सुइ दर्स जिनय जिनु,
उव दर्स उवन जिनु दर्सेई । रमि रमन दर्स सुइ नंत दर्स जिनु, उव दर्स मुक्ति सुइ दर्सेई ॥ ८ ॥
॥ सुनि. ॥ उव दर्स उवन सुइ अर्क दर्स जिनु,
सुइ अर्क अर्क जिनु रमिजै । अर्क सुभावे अर्क सुयं जिनु, सुइ अर्क मुक्ति जिनु रमिजै ॥ ९ ॥
॥ सुनि. ॥ सुइ अर्क उवनु दिपि दिस्टि दिप्ति जिनु,
सुइ समय हियं हुव रमिजै । आयरन चरन गुन लषन लषिय जिनु, ___ सुइ लषन मुक्ति सुइ मिलिजै ॥ १० ॥
॥ सुनि. ॥ तत्तु पयं दिव्य दिस्टि दिप्ति जिनु,
सुइ काय क्रांति जिनु रमिजै । सुइ नंतानंत चतुस्टै उवन जिनु, सुइ उवन कमल सिद्धि रमिजै ॥ ११ ॥
॥ सुनि. ॥ सुइ कलन चरन रम रमन उवन जिनु,
तत्काल रमन जिनु रमिजै ।
(१३४) न्यान बबिजारो फूलना
गाथा २७८९ से २७९३ तक (विषय : नन्द ५, रमन ६, कमल दल, कलन चरन रमन, अर्थ पय) जिन जिनयति जिनय जिनेन्दु,
जिन रंज रमन सुइ नंद मौ, बनिजारे हो । आनंद चेय सुइ नंदु,
सुइ सहज परम जिन नंद मौ, बनिजारे हो ॥ सुइ सहज रूव सुरूव रूवउ,
परमानंद पयासिनो । सड़ नंद नंदित नंद उल्हसितु,
सुइ मुक्ति विगस विलासिनो ॥ सुइ कलन चरन सु चरन रमियौ,
सुइ रमन दर्सिय जिन जिनो ।
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