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श्री ममल पाहुड
जी
उवन पयोग
परम पय गमना,
परम प्रियं पिय पयोग जिन रमना ।
जिन जिनयति जिनय जिनय जिन उवना,
उवन पयोग मुक्ति जिन रखना ॥
(१३१) गद्य गाथा
गाथा २७४१ से २७४२ तक विषय: औकास)
२३ ॥ ॥ सुनहु ॥
जय जय जय जयवंतु, जय जय जयो उवन जिनु । उव उवन उवनु उव उवनु, सम समय जिनय जिनु ॥ जिन जिनिय जिनिय जै जै, जिनिय सुड़ जिनिय सुयं जिनु । सुड़ सुयं सुयं सुड़ सुइ श्रवना, सुइ सुयं सुवन जिनु ॥ सुइ समय समय सुइ समय समय, सुड़ सुयं सुयं जसु । सुइ रमन रमन सुइ रमन सुयं, जिन जयो सिद्धि रत्तु ॥ पय पयन पयन पयपालु, पर्म पय पर्म पत्तु । पर्म पर्म चौ उवनु उवनु, जिनु जिनय जिनुत्तु ॥ आयरनह आयरिउ सुर्य, आयरन जिनुत्तु । आयरन उवन हिययार, सहय सहयार पउत्तु ॥ जिन इच्छ इच्छ इच्छन्तु रै, भवन विंद इच्छंतु जै । सुइ सुयं सुयं सुइ इच्छ जिनु, सुइ सुयं सिद्धि जिन मुक्ति जै ॥
१ ॥
२ ॥
३८३
(१३२) उवन कमल बत्तीसी फूलना
गाथा २७४३ से २७७५ तक (विषय कलन चरन रमन, विवान-५, कमल दल, लक्षण परिणाम) उव उवन उवनु सुइ उवनु पेषिक,
सुइ उवन उवन चित लाऊंगा ।
उव उवन सहावे अन्धु विलीजे,
श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी
जिन उवन मिलनु दर्साऊंगा ॥ १ ॥
जय जय जय अमिय राऊंगा,
सुइ दिप्ति दिस्टि परिनाऊंगा ॥ २ ॥ ॥ आचरी ॥
सुइ कलन कलिय सुड़ कलनु सु देषिउ
सुइ कलन कमल रमि लाऊंगा । सुइ कलन कमल सुड़ उवनु जिनय जिनु, धुव उवनु सुयं
दर्साऊंगा ॥
सुइ रमन रमन सुइ उवन रमन जिनु,
३ ॥
॥ जय ॥
सुइ चरन चरिय चरि चरन जिनय जिनु,
सुइ चरन कलन रमि राऊंगा । सुइ कलन चरन चरि कलिय उवन जिनु,
सुइ चरन कमल सिद्धि जाऊंगा ॥ ॥
४
॥ जय ॥
सुइ चरन कलन रमि राऊंगा ।