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श्री ममल पाहुइ जी जिनु कमल समय सुइ साहिऊ,
जिनु उवन कमल सिद्धि रत्तु ॥ २५ ॥ जिनु तारन तरन सह समय मौ,
जिनु उवन कलन सम उत्तु । जिनु कलन कमल उव उवन मौ,
जिनु समय सिद्धि संपत्तु ॥ २६ ॥ जिनु जिनय जिनय जिनु श्रेनि मौ,
जिनु कलन समय सम उत्तु । विन्यान वीय चौ उवन मौ,
जिनु जिनय पयो पय उत्तु ॥ २७ ॥ जिनु तारन तरन सु तरन पौ,
जिनु कमल कलन कलयंतु । जिनु उवन कमल सुइ सुवन मौ,
जिनु समय सिद्धि संपत्तु ॥ २८ ॥
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श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी दिप्ति दिस्टि जिन उत्तु, जिन उत्तु रे,
दिस्टि दिप्ति सुइ रमन पौ । सब्द प्रियो जिन उत्तु, जिन उत्तु रे,
प्रिये सब्द सुइ मुक्ति पौ ॥ २ ॥ मैय उवनु सुइ उत्तु, सुइ उत्तु रे,
सुइ मैय सुबं जिन उवन मौ अढल ढलनु जिन दिटु, जिन दिलु रे,
जिन जिनय ढलन सुइ मुक्ति पौ ॥ ३ ॥ अवयास ढलनु सुइ नंतु, सुइ नंतु रे,
मै उवनु उवनु जिनु समय मौ । सम समय समय सम उत्तु, सम उत्तु रे,
उव उवनु समय सुइ मुक्ति पौ ॥ ४ ॥ इस्ट उवन इस्टंतु, इस्टंतु रे,
उवन इस्ट इस्ट ममल पौ । जं दिप्ति दिस्टि इस्टंतु, इस्टंतु रे,
उवन इस्टि उव मुक्ति पौ ॥ ५ ॥ इस्ट उवन दर्संतु, दर्सतु रे,
इस्ट उवनु सुइ समय मौ । उवन इस्टि दर्संतु, दर्सतु रे,
उव उवन दिस्टि सुइ मुक्ति पौ ॥ ६ ॥ इस्ट उवन रमनंतु, रमनंतु रे,
उवन इस्टि इस्ट समय मौ ।
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(११०) दोहा बसंत फूलना
गाथा २२७५ से २२९९ तक
(विषय : इष्ट दिप्ति, उत्पन्न दिप्ति, विवान-१) उव उवन उवन दर्सतु, दसैंतु रे,
उव उवन सहावे समय मौ । उव उवन समय विलसंतु, विलसंतु रे,
उव उवन सहावे मुक्ति पौ ॥ १ ॥