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श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी
श्री ममल पाहुइ जी दिप्ति दिस्टि उव उवन मऊ नृत सुवा,
उव उवन दिस्टि सुइ नृत सुवा । दिस्टि रमन सुइ नंत मऊ नृत सुवा,
दिपि दिप्ति नंत प्रवेसु सुवा ॥ ३ ॥ उवन दिस्टि सुइ समय मऊ नृत सुवा,
सुइ समय दिप्ति प्रवेसु सुवा । जं दिप्ति ढलनु सुइ समय मऊ नृत सुवा,
तं उवन दिस्टि प्रवेसु सुवा ॥ ४ ॥ जं उवन दिप्ति सुइ नंत मऊ नृत सुवा,
उव उवन ढलन सुइ नंत सुवा । दिप्ति ढलन सुर उवन मऊ नृत सुवा,
उव समय दिस्टि सुइ नंत सुवा ॥ ५ ॥ नंत समय सुइ दिस्टि मौ नृत सुवा,
उव उवन दिस्टि प्रवेसु सुवा दिस्टि समय सुइ रमन मौ नृत सुवा,
___उव उवन दिप्ति प्रवेसु सुवा ॥ ६ ॥ उव उवन दिप्ति सुइ ढलन जिनु नृत सुवा,
ढलि ढलियौ समय सहाउ सुवा । उव उवन दिस्टि सुइ समय मौ नृत सुवा,
सह समय सिद्धि सम्पत्तु सुवा ॥ ७ ॥ सह समय दिस्टि सुइ उवन मौ नृत सुवा,
सुइ उवन दिप्ति प्रवेसु सुवा ।
दिस्टि दिप्ति सुइ सुर रमनु नृत सुवा,
सुइ समय उवन सिद्धि रत्तु सुवा ॥ ८ ॥ सुइ उवन उवन उव कमल मौ नृत सुवा,
कलि कमल उवन जिन उत्तु सुवा । सिय धुव रमन सु कमल मौ नृत सुवा,
कम कमल उवन पौ उत्तु सुवा ॥ ९ ॥ जं जं उवनऊ कमल मौ नृत सुवा,
उव उवन चरन सिद्धि रत्तु सुवा । तं तं सहियऊ समय सुइ नृत सुवा,
तं कर्न विंद जिन रत्तु सुवा ॥ १० ॥ जं जं उवनऊ उवन पौ नृत सुवा,
तं कर्न समय संजुत्तु सुवा । जं समय उवन पऊ साहियऊ नृत सुवा,
तं उवन प्रिये जिन उत्तु सुवा ॥ जं उवन सब्द सुइ कर्न मौ नृत सुवा,
___ तं समय प्रिये जिन उत्तु सुवा । जं समय प्रिये सुइ सब्द मौ नृत सुवा,
तं समय उवन सिद्धि रत्तु सुवा ॥ १२ ॥ जं जं उवन उवन मौ नृत सुवा,
तं समय कर्न साहंतु सुवा । जं साहिउ तं उवन पिउ नृत सुवा,
तं समय उवन सिद्धि रत्तु सुवा ॥ १३ ॥
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