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श्री ममल पाहुड़
जी
दिप्ति नंत सुइ दिस्टं, दिस्टं सुइ नंत दिप्ति सुइ दसैँ । दिप्ति दिस्टि आयरनं, आक्रिनं समय कलन निर्वानं ॥ १३ ॥ कमल सब्द नंतानं, नंतानंत सब्द कर्न आक्रिनं ।
आनि कलन सुइ कमलं, कमलं सुइ कलिय केवलं न्यानं ॥ १४ ॥ कमल विंद सुइ सब्दं सब्दं आयरन कर्न विंदानं । कर्न विंद सुइ कमलं, कमलं आक्रिन कलन निर्वानं ।। १५ ।। उववन अवहि निहि सुवनं,
अवहि सह समय साह धुवं सुइ रमनं ।
सहकारं धुव गमनं, अगमं सुइ षिपिय विलय कम्मानं ।। १६ । उववन निहि सुइ अर्क, अर्क सुइ दिप्ति दिस्टि सुइ रमनं ।
अर्क सब्द सुइ कर्नं, कर्नं सुइ सब्द कमल क च ।। १७ ।। हुवयार अर्क हिययारं, हिययारं अर्क विंद विंदानं । अनंत रमन अवयासं, समयं आक्रिन कमल निर्वानं ॥ १८ ॥ हिय रमन अर्क सुइ उवनं, उवन हिय गहिर गमन गुरुवं च । गमन गुपित सुइ सर्वं, आक्रिनं कमल कलन निर्वानं ॥ १९ ॥ गुपित अर्क गुरु गुरुवं, गुरुवं गुहिजं च सब्द सुइ सुवनं । गुरु गुपितह सुइ सब्दं सर्वं आक्रिन कलन निर्वानं ॥ २० ॥ गुपित गुहिज आक्रिनं, सहियं सह समय कमल कलनं च । कमल कलन सुइ अर्कै, साहिय सह विंद कर्न कमलं च ॥ २१ ॥ गुहिज अर्क गम अगमं, जानु पय अर्क नंत नंताई । नंतानंत सु चरनं, चरनं आयरन अर्क कमलं च ॥ २२ ॥ अवहि उवन निहि सहियं समयं संमत्त समय सुइ रमनं जिन अर्क कमल सुइ दसैँ, दर्पं सुइ कमल उवन कलनं च ॥ २३ ॥
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श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी कलन समय सम समयं कलनं सम कर्न कमल हिययारं । हिययार समय हुवयारं, समयं सह कर्न कमल निर्वानं ॥ २४ ॥ अवहि उवन निहि उत्तं, उवनं निहि समय समय अवयासं । समयं सुइ नंतानंतं, समयं आक्रिन कमल निर्वानं ॥ २५ ॥ समय समय सुइ समयं समयं सम दर्स सब्द आक्रिनं । समय उवन उव उवनं
समयं आक्रिन कमल निर्वानं ॥ २६ ॥ नंत नंत सुइ उवनं, उवनं सह अवहि उवन निहि कमलं । केवल कमल उवन्नं, आक्रिनं कर्न कमल निर्वानं ॥ २७ ॥
(४४) सुह गम्य रमन फूलना गाथा ८७४ से ८९४ तक
(विषय: पट्टमन, पंचार्थ की महिमा, नन्द-५ चतुष्टय ४, ध्यान- ४ )
जिन उत्तु उवन पौ उवन उवन मौ,
जिन न्यान विन्यान संजुत्तु ।
उव उवन दिस्टि मौ सब्द सहज लई,
तं पदम कमल सुइ उत्तु ॥ १ ॥
सुह गम्य रमनु दुह गम्य गलनु,
सुष्यम परिनाम स उत्तु ।
सुह गम्य सहज रुई नंद अनंद मौ,
२
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सुइ न्यान विन्यान संजुत्तु ॥ संजोय चतुस्टय मुक्ति पऊ ॥ आचरी ॥