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श्री चौबीस ठाणा जी
उत्पन्न न्यान मिलन रंज रमन, भय विनस्य नंद सनंद रूव । उत्पन्न न्यान अप्यर, सुर, विंजन, पद, अर्थ तिअर्थ समर्थ । समय अर्थ सहकार सदर्थ । अवकास अन्मोद। दिस्टि, अदिस्टि, दिस्टि । इस्टि, अइस्टि, इस्टि । इस्टि उत्पन्न इस्ट दर्स उत्पन्न दर्स इस्ट इस्ट उत्पन्न इस्ट सब्द उत्पन्न । इस्ट सब्द असब्द उत्पन्न । असब्द गुपित सब्द उत्पन्न । गुपित सब्द हितकार इस्ट । हितकार हितकार उत्पन्न हितकार लक्ष्य इस्ट लक्ष्य उत्पन्न लक्ष्य । इस्ट जीवस्य आह्वान । तत्काल रमन । दर्स, अदर्स, दर्स । सब्द, असब्द, सब्द । वयन, अवयन, वयन । इच्छ, अइच्छ, इच्छ । लक्ष्य,
अलष्य, लक्ष्य । पेषु, अपेषु, पेषु । रमनु, अरमनु, रमनु । गहनु, अगहनु, गहनु । धरनु, अधरनु, धरनु सहनु, असहनु, सहनु । साहनु, असाहनु, साहनु । औकास, अनंत औकास। समय, असमय, समय । अन्मोद, परम अमोद । षिपक, परम षिपक। मुक्ति, परम मुक्ति । सौष्य, परम सौप्य ॥
तत्काल उत्पन्न न्यान विन्यान भय विनस्य, भय, सल्य, संक विलयंति । दिस्टि इस्टि भय विलयं, उत्पन्न भय विलयं, झड़प भय विलयं । चेत, अचेत, चेत । गम्य, अगम्य, गम्य । अनंत गुपित रमन, सर्वार्थ, सर्वन्य, सर्व दिस्टि अर्थ अर्थस्य, सप्त अर्थ । विन्यान विंद I सहकार, सुन्य प्रवेस, मुक्ति पंथ सुयं ॥
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अर्कस्य अर्क सुभाव -
सुयं रमन, सुर्य दर्स, सुयं दिस्टि, सुयं इस्टि, सुर्य न्यान विन्यान अर्क, मुक्ति सुभाव सुर्य अर्क ॥ १ ॥
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श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी
उत्पन्न
प्रगटस्य कमल अर्क- १, कमल ठकार कंठ अर्क- २, ठहकारस्य मुक्ति सूषिम परिनाम सुकीय सुभाव, सुयं दर्स, दर्स, मुक्ति सुभाव दर्स, मुक्ति रमन दर्स, उत्पन्न श्री दर्स, उत्पन्न मुक्ति श्री दर्स । समय सहकार ठकार मुक्ति सुभाव दर्स, कल लंक्रित कम्म विली, कम्म विली कमल ठकार मुक्ति, सुकीय सूषिम सुर्य, कलन ठकार मुक्ति, अर्क सुद्ध सुभाव उत्पन्न, इस्ट उत्पन्न प्रमान, उद्देस परिनै प्रमान । उत्पन्न उद्देस, उत्पन्न परिनै, उत्पन्न प्रमान। गम्य, अगम्य प्रमान गम्य अर्क, अर्क इस्ट अर्क । उत्पन्न अर्क प्रमान, अर्क अर्कस्य कण्ठ अर्क ॥ २ ॥
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हितकार अर्क -
हितमित परिनै कोमल अर्क सुभाव। अर्क हितकार अर्क, अर्क विंद विन्यान अर्क ॥
आगंतु अर्क- आर्ध, ऊर्ध अर्क, हितकार अर्क, हुंतकार अर्क, रमन अर्क, अर्क सुभाव, हितकार अर्क। रंज हितकार रंज जिन रमन, अमिय रमन । जिननाथ नंद, आनंद, परमानंद अर्क सुभाव । सहकार दिस्टि हितकार उत्पन्न, रमन हितकार अर्क, हितकार मुक्ति, हितकार सिद्धि, हितकार सुद्ध - बुद्ध, हितकार अर्क केवल सुभाव ।
हितकार तव तत्काल उत्पन्न न्यान हितकार। व्रिति उत्पन्न न्यान हितकार | परम तत्तु तिअर्थ प्रमान दिस्टि हितकार। दर्स, अदर्स, दर्स हितकार । दिस्टि, अदिस्टि, दिस्टि हितकार । इस्टि, अइस्टि, इस्टि । लब्धि, अलब्धि लब्धि । अर्क सुभाव केवल लब्धि, मुक्ति लब्धि । अर्कस्य हितकार अर्क ॥ ३ ॥
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