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वक्रोक्तिजीवितम एतेषां च पदवाक्यप्रमाणसाहित्यानां चतुर्णामपि प्रतिवाक्यमुपयोगः । तथा चैतत्पदमेवंस्वरूपं गकारौंकारविसर्जनीयात्मकमेतस्य चार्थस्य प्रातिपदिकार्थपञ्चकलक्षणस्याख्यातपदार्थषट्कलक्षणस्य वाचक- . मिति पदसंस्कारलक्षणस्य व्यापारः । पदानां च परस्परान्वयलक्षणसंबन्धनिबन्धनमेतद्वाक्यार्थतात्पर्यमिति वाक्यविचारलक्षणस्यो. पयोगः । प्रमाणेन प्रत्यक्षादिनैतदुपपन्नमिति युक्तियुक्तत्वं नाम प्रमाणलक्षणस्य प्रयोजनम् । इदमेव परिस्पन्दमाहात्म्यात्सहृदयदयहारितां प्रतिपन्नमिति साहित्यस्योपयुज्यमानता । एतेषां यद्यपि प्रत्येक स्वविषये प्राधान्यमन्येषां गुणीभावस्तथापि सकलवाक्परिस्पन्द. जीवितायमानस्यास्य साहित्यलक्षणस्यैव कविव्यापारस्य वस्तुतः सर्वत्रातिशयित्वम् । यस्मादेतदमुख्यतयापि यत्र वाक्यसन्दर्भान्तरे स्वपरिमलमात्रेणैव संस्कारमारभते तस्यैतदधिवासशून्यतामात्रेणैव रामणीयकविरहः पर्यवस्यति । तस्मादुपादेयतायाः परिहाणिरुत्पद्यते । तथा च स्वप्रवृत्तिवैयर्थ्यप्रसङ्गः । शानातिरिक्तप्रयोजनत्वं शास्त्राभिधेयचतुर्वर्गाधिकफलत्वं चास्य पूर्वमेव प्रतिपादितम् ( १२३.५)।
और इन पद ( शास्त्र व्याकरण ), वाक्य ( शास्त्र मीमांसा ), प्रमाण (शास्त्र न्याय ) एवं साहित्य ( शास्त्र ) चारों का प्रत्येक वाक्य में उपयोग होता है । उदाहरणार्थ गकार औकार और विसर्ग से युक्त ( गी.) इस स्वरूप का यह पद प्रातिपदिकार्थपञ्चक ( १. प्रातिपदिकार्थ २. लिंग ३. परिमाण ४. वचन और ५. कारक ) रूप ( अथवा ) आख्यातपदार्थषट्क ( १. कर्ता २. कर्म :. काल ४. पुरुष ५. वचन और ६. भाव ) रूप इस अर्थ का वाचक है यह पदसंस्कार का लक्षण करनेवाले ( व्याकरण शास्त्र ) का व्यापार है। और 'पदों के परस्पर अन्वय रूप सम्बन्ध का कारणभूत वाक्यार्थ का यह तात्पर्य है यह वाक्य-विचार का निरूपण करनेवाले ( मीमांसा शास्त्र ) का उपयोग होता है । तथा प्रत्यक्ष ( अनुमान ) आदि प्रमाणों के द्वारा ( इस पद अथवा वाक्य का ) या ( अर्थ ) समीचीन है इस प्रकार युक्तियुक्तता ( सङ्गति का प्रतिपादन करना ) प्रमाणों का विवेचन करनेवाले (न्याय शास्त्र) का प्रयोजन है। और यही ( वाक्य कवि के) व्यापार ( परिस्पन्द ) के माहात्म्य से सहृदयों के हृदयों को मनोहर प्रतीत होता है यही साहित्य ( शास्त्र ) का उपयोग है । यद्यपि इन (व्याकरण, मीमांसा, न्याय एवं साहित्य ) सभी ( शास्त्रों ) में प्रत्येक ( शास्त्र ) की अपने-अपने विषय में प्रधानता तथा ( उस विषय में ) अन्य