________________
९४
सन्मतिटिप्पणीनिर्दिष्टा ग्रन्थकृतो प्रन्याश्च ।
तन्त्रवार्तिक ३१५-१५.
न्यायदर्शन ९९-५,११५-६:१५०-४१७८-७,३४६-३०, तायिन् १७४-५.
४५२-१,४८७-५:५१८-१६:५२७-५:५३०-१७ त्रिंशिकाविज्ञप्ति ५९७-२.
५४०-३,५५१-६,५९७-२,६५९-८६७१-६;
७३३-३. दार्शनिकग्रंथ ४६९-६.
न्यायदर्शनवात्स्यायनभाष्य ४२२-१. दिमाग १७५-६,१९९-७,५३१-९.
न्यायप्रवेश ३१८-४,३५१-६४८८-९. दिवाकर ६५६-४.
न्यायप्रवेशकार ४८८-९. दृष्टिवादाङ्ग २७१-५.
न्यायबिन्दुसूत्र ३१८-४,६,१३,१४,३५१-६,३५२-१; देवनन्दिन ६५२-१.
४८८-९,५०१-३,५०६-२,५७२-६,५९२-१. देशीनाममाला १७३-१,३१७-२,६२२-३,६३६-२.
न्यायबिन्दुटीका ४६५-६. द्रव्यगुणपर्यायरास (लि) ६३३-२.
न्यायबिन्दुवृत्ति ४६७-११. द्वादशारनयचक्र (लि) १९५-१३,३७९-१२.
न्यायबिन्दुटीकाटिप्पणी (लिखित) ४६९-६,४८९-३;
४९८-६,५०६-२. धर्मकीर्ति (जुओ कीर्ति)१५-१२,२११-६:२४३-२१,४६५- |
१२:२११-६:२४३-२१,४६५- | न्यायमकरन्द ३६६-२. ६:४६७-११,४८८-९,५०६-२,३,५०८-१,५५४-४. | न्यायमअरी ४६५-६,४६६-५,७,४६९-६:४७१-७; धर्मकीर्तिकृतन्यायबिन्दुटीकाटिप्पणी ४६९-६.
४८०-३,४८३-९,४८७-५,४८९-३,५०५-६:५०७धर्मकीर्तिवार्तिक ५०३-७.
६:५०८-१,५१९-९,५२०-६:५२१-४,५२२-८; धर्मकीर्तिसूरि ३३३-११.
५२३-११,५२४-४,५२५-१,२,४,५,६,५२९-११; धर्मसंग्रहणी ४९८-६,५००-८५१०-१;५९७ थी ६०३- ५३०-१,२,४,६:५६१-७:५३३-१,५३४-९,५३५२,६२७-१;७१२-२.
१,४,५३६-४,९:५३७-१,२,४,५३८-२,८५३९-२; धर्मसंग्रहणीवृत्ति २७२-८.
५४०-३,५५४-२,३,५६०-१,३,५६१-१२:५६२धर्मोत्तरीया ४६७-११.
२,५:५६३-५,९,५६५-५:५७४-१,५७५-५,५७७ध्यानशतक ७३४-१.
७,८,५७८-१४:५७२-५,५८७-५:५९७-२,६५९
८,६६८-३,७०६-५. नन्दिसूत्रचूणी (लिखित) ५९७ थी ६०४-२. न्यायवार्तिक १२७-१,१४३-२,१५३-४,१७५-६,१७८नन्दिसूत्रटीका ४७८-२.
२,५२००-७;२०४-१,२,३३२-२२,३४६-३०% नन्दिसूत्रलधुवृत्ति (लिखित) ५९७ थी ६०३-२.
३७६-९,४२२-१,४७१-११,५१९-४,९,५२०-६; नयचक्र (हस्तलिखित )६३-७,२७१-९,४४१-१०%
५२१-१,४,५२२-३,८,५२४-४,५२८-५,५३०-६; ४४१-१०.
५३१-७,९,५३३-१,५३४-९,५४०-३:५५९-१०; नयनप्रसादिनी ५५८-१४.
५६०-३,५,५६१-१२:५६२-२,५,५६३-६,५६६नयोपदेश २७३-१,३१७-१२,३१८-१७,३१९-१३,१५; | १०,५७७-७:५९७-२,६५९-८६६४-१,६६६-३, ४४२-३,६४५-४.
५६६८-३६६९-६,६७७-५,६८९-६,६९२-१; नयोपदेशवृत्ति ३७९-१२,३८०-१,१३,३८३-९,१०,
७१६-८७१७-२. ११.
न्यायवार्तिकतात्पर्यटीका ३४६-३०,३६६-२,३७६-९; नागेश ६५२-१. निग्रंथ ६४४-३.
४२२-१,४६९-६,४७१-११,४९९-१,५०३-७, नियुक्तिकार (भद्रबाहु) ४२२-१.
५१९-२,४,५,९:५२०-६:५२१-१,४,५२२-२,५,८७ नैयायिक ९८-३,५४०-३५४३-१३:५७७-७:५९७-२. ५२४-४५२५-१,२,४,५२८-५:५३०-६,५३१-७७ नैषधीय महाकाव्य ६९७-१.
५३३-१,५३४-९,५४०-३,५४३-१३,५५४-८ न्याय १८३-२१.
५५८-१४:५५९-५,१०,५६०-५:५६१-१२:५६२न्यायकर्णिका ३६६-२.
२,५:५६६-३,१०:५७७.७:५९७-२,६५९.८,६६९.६. न्यायकन्दली ७०६-५.
न्यायवादिन् २४३-२१,५०३-७. न्यायकुमुदचन्द्रोदय (लिखित) १७४-११,२६०-९,१०० | न्यायसिद्धान्तमुक्तावली ५०९-१२,६७६-४.
४७१-७५३७-९:५४०-३६५७-३,६६९-१,३. न्यायसूत्र १७८-७,५६०-२,