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सन्मतिटीकानिर्दिष्टा ग्रन्था ग्रन्थकृतश्च ।
साङ्ख्यज्ञान ६०६-५
| सूत्र निर्देश (जैनसूत्र ) ६१७-४ साजयदर्शन १११-४०,१३५-२७,२८०-२३,३१०-६, | सूत्रपञ्चक (न्या० सू०)५३१-१७ ५३४-१
सूत्रयुक्तिविरोध (जै० सू०) ६१७-२० साङ्ख्यबौद्धकणभुज् ४४१-२१
सूत्रविरोध (तत्त्वार्थसूत्र) ६१८-१७ सायमत ४१७-३०,५००-३,५०७-२८,६५६-७ सूत्रसमूह (आगमनां सूत्र) ६१४-१५ साङ्ख्यमतप्रतिक्षेपक २९६-९
सूत्रसमूह (तत्त्वार्थसूत्र) ५९५-२४ सायमतानुसारिन् ५३४-१६
सूत्रसमूह (न्या० सू०) ५३१-१३ साङ्ख्य विशेष ४२२-१४
सूत्रसंदर्भ ६१३-२(१) साङ्ख्यसौगतमत ६५६-१३
सूरयः ९७-३६ साङ्ख्यायेकान्तवादिदर्शनसमूहमय ७५७-२३
सूरि (सिद्धसेन दिवाकर) ६५-२५,६८-२३,१३३-११, सामवेद ७३१-७
१६९-५,३१५-४,५९६-२२,६०९,६१५,६२१.-२५ सितपट ७४६-२९
सेश्वरसावय २८०-२८ सिद्धसेनदिवाकर (जुओ आचार्य प्रकरणकार,अने सूरि)१-१७ सैद्धान्तिक ५५३-१४ (१०),६५१-२६ सिद्धसेनाचार्यवचन ७५७-२० (२)
सौगत ३-१,४२-११,८१-१३,९०-४,१३८-३८,१४५सिद्धान्त (जैन)६३५-१७
३,१४८-१२,१४२,२०२,२६८-१६,३१८,३२०,३४९सुगत ५०२-२६
२०,३८४-९,३८७-२१,३८८-२२,३८९-१६,३९९-३२, सुगतज्ञान ६०६-७
४००-४,४३९-४,४६७-२०,४८०-३,४८३-२२,४८४सुगतसुत ११८-३८,१३२-३८
७,४८६-२३,४८८-२१,५१८-२७,५४५-२२,५५२-२१ सुगतसुताभ्युपगम ३३३-२१
५५४-१४,५६३-१,५६५-३४,५६६-२,५६७-२९,५७२. सुरगुरुमतानुप्रवेश २८०-८
३६,५९१-३१,६२९-९,६८२-८,७३८-८,७४५-२९ सूत्र (मीमांसासूत्र) ३१-१३,४८-१५,१०६-१ सौगतदर्शन २७०-११ सूत्र ६१३-३४
सौगतपक्ष ५११-१२ सूत्र (आयारंगादिसुत्त) ७३२-५
सौगतप्रसिद्ध १३८-४१ सूत्र (न्या० सू०)९७-७,१७८-१०,५२८-१९,५३०- सौगतमत ४७८-१२,५१०-२,५४३-६ १४,५६०-२ (१), ६६९-२०
सौत्रान्तिकमत ४०१-८ सूत्र (पन्नवणासुत्त) ६०५-१ (१)
सौत्रान्तिकयोगाचार ४६३-१९ सूत्र (पाणि निसूत्र) ४०६-७
सौत्रान्तिकवैभाषिक ३७८-६ सूत्र (बृहस्पतिसूत्र )५५५-१४ (९)
सौत्रान्तिकवैभाषिकमत ४००-३६ सूत्र (भगवतीसूत्र)६२५-१०
स्फटिकसूत्र (न्या०६) ५२७-१३ (५) सूत्र (वैशे० सू०) ६६९-७,६७२-१५,६७३-१७,६८५
स्तुतिकृत् ७५०-१ २६,६८६-१४
खयूथ्य (जैन) ६३३-२ (२), ७३२-५ सूत्रकार (न्या० सू० अक्षपाद ) ५२८-३,५६३-२०,५७८२६,७२०-३६ सूत्रकृत् (न्या० सू० अक्षपाद ) ५२८-१३,६२१-८ हेतुमुख १९९-८,२१७-९ सूत्रधर ७३२-१४
हेतुलक्षणप्रणेतृ ६८-३८