SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 414
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ६४ सन्मतिटीकानिर्दिष्टा ग्रन्था ग्रन्थकृतश्च । साङ्ख्यज्ञान ६०६-५ | सूत्र निर्देश (जैनसूत्र ) ६१७-४ साजयदर्शन १११-४०,१३५-२७,२८०-२३,३१०-६, | सूत्रपञ्चक (न्या० सू०)५३१-१७ ५३४-१ सूत्रयुक्तिविरोध (जै० सू०) ६१७-२० साङ्ख्यबौद्धकणभुज् ४४१-२१ सूत्रविरोध (तत्त्वार्थसूत्र) ६१८-१७ सायमत ४१७-३०,५००-३,५०७-२८,६५६-७ सूत्रसमूह (आगमनां सूत्र) ६१४-१५ साङ्ख्यमतप्रतिक्षेपक २९६-९ सूत्रसमूह (तत्त्वार्थसूत्र) ५९५-२४ सायमतानुसारिन् ५३४-१६ सूत्रसमूह (न्या० सू०) ५३१-१३ साङ्ख्य विशेष ४२२-१४ सूत्रसंदर्भ ६१३-२(१) साङ्ख्यसौगतमत ६५६-१३ सूरयः ९७-३६ साङ्ख्यायेकान्तवादिदर्शनसमूहमय ७५७-२३ सूरि (सिद्धसेन दिवाकर) ६५-२५,६८-२३,१३३-११, सामवेद ७३१-७ १६९-५,३१५-४,५९६-२२,६०९,६१५,६२१.-२५ सितपट ७४६-२९ सेश्वरसावय २८०-२८ सिद्धसेनदिवाकर (जुओ आचार्य प्रकरणकार,अने सूरि)१-१७ सैद्धान्तिक ५५३-१४ (१०),६५१-२६ सिद्धसेनाचार्यवचन ७५७-२० (२) सौगत ३-१,४२-११,८१-१३,९०-४,१३८-३८,१४५सिद्धान्त (जैन)६३५-१७ ३,१४८-१२,१४२,२०२,२६८-१६,३१८,३२०,३४९सुगत ५०२-२६ २०,३८४-९,३८७-२१,३८८-२२,३८९-१६,३९९-३२, सुगतज्ञान ६०६-७ ४००-४,४३९-४,४६७-२०,४८०-३,४८३-२२,४८४सुगतसुत ११८-३८,१३२-३८ ७,४८६-२३,४८८-२१,५१८-२७,५४५-२२,५५२-२१ सुगतसुताभ्युपगम ३३३-२१ ५५४-१४,५६३-१,५६५-३४,५६६-२,५६७-२९,५७२. सुरगुरुमतानुप्रवेश २८०-८ ३६,५९१-३१,६२९-९,६८२-८,७३८-८,७४५-२९ सूत्र (मीमांसासूत्र) ३१-१३,४८-१५,१०६-१ सौगतदर्शन २७०-११ सूत्र ६१३-३४ सौगतपक्ष ५११-१२ सूत्र (आयारंगादिसुत्त) ७३२-५ सौगतप्रसिद्ध १३८-४१ सूत्र (न्या० सू०)९७-७,१७८-१०,५२८-१९,५३०- सौगतमत ४७८-१२,५१०-२,५४३-६ १४,५६०-२ (१), ६६९-२० सौत्रान्तिकमत ४०१-८ सूत्र (पन्नवणासुत्त) ६०५-१ (१) सौत्रान्तिकयोगाचार ४६३-१९ सूत्र (पाणि निसूत्र) ४०६-७ सौत्रान्तिकवैभाषिक ३७८-६ सूत्र (बृहस्पतिसूत्र )५५५-१४ (९) सौत्रान्तिकवैभाषिकमत ४००-३६ सूत्र (भगवतीसूत्र)६२५-१० स्फटिकसूत्र (न्या०६) ५२७-१३ (५) सूत्र (वैशे० सू०) ६६९-७,६७२-१५,६७३-१७,६८५ स्तुतिकृत् ७५०-१ २६,६८६-१४ खयूथ्य (जैन) ६३३-२ (२), ७३२-५ सूत्रकार (न्या० सू० अक्षपाद ) ५२८-३,५६३-२०,५७८२६,७२०-३६ सूत्रकृत् (न्या० सू० अक्षपाद ) ५२८-१३,६२१-८ हेतुमुख १९९-८,२१७-९ सूत्रधर ७३२-१४ हेतुलक्षणप्रणेतृ ६८-३८
SR No.009697
Book TitleSanmatitarka Prakaranam Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSukhlal Sanghavi, Bechardas Doshi
PublisherGujarat Puratattva Mandir Ahmedabad
Publication Year
Total Pages456
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size192 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy