________________
बाद करीए तो, आ काळना ब्राह्मणवर्गना विद्वानोने हाथे ऐतिहासिक रचना कई थई नयी, एम कहीए तो चाले. जैनसाधुओए ए दिशामां ब्राह्मणो करतां घणुं वधारे कर्यु छे. चावडा अने सोलंकी वंशना इतिहासने माटे आपणे जैनसाधुओना आभारी छीए विद्योत्तेजक महाराजा भोजनी कीर्ति आपणा सुधी पहोंचाडवा माटे पण जैनसाधुओनोज आपणे आभार मानवो पडशे. मुसलमानी राज्यकाळ पूर्वेनी गुजरातनी लोकस्थिति जैनसाधुओनी नोंधोथी आपणने प्रत्यक्ष थाय छे.” विगेरे.
उपर्युक्त कथनधी हवे स्पष्ट समजाय तेम छे के भारतवर्षीय इतिहासनो जैन इतिहासनी साथे घनिष्ट संबंध छे. अथवा एम कहेवू जोईए के जैन इतिहास, ए भारतीय इतिहासन अंग छे. आ एक अंग तैयार करवा माटे सौथी पहेलां तेनां साधनो तैयार करवां जोईए. आवा इतिहासने माटे जे साधनो छे ते आ छे:
१ प्राचीन ग्रंथोपरनी प्रशस्तिओ. २ प्राचीन मंदिरो संबंधी म्होटा शिलालेखो. ३ ऐतिहासिक रासाओ. ४ ताम्रपत्रो, दानपत्रो विगेरे. ५ जूना सीक्काओ. ६ एवा न्हाना न्हाना लेखो, के जे धातुनी मूर्तियोनी पाछळ
___ खोदेला होय छे. विगेरे विगेरे. ___ आ साधनो जेटला जेटला अंशमां बहार आवतां जाय, प्रकाशित थतां जाय, तेटला तेटला अंशमां जैन इतिहास लखवानो मार्ग सरळ थतो जाय, ए निश्चित वात छे.