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प्राचीनजनलेखसंग्रह।
यं च सहायता पतं मसिकनगरं (?) ततिये च पुन वसे" गंधववेदबुधों' दंपनतमीतैवादितसंदसनाहि उस
वसमाजकारापनाहि च कीडापयति नगरी इर्थं चछु के अनुस्वार तथा अक्षरनु माथु बे मळी गयां हशे तेथी आम देखाय छे.
जे शब्दो नीचे में लीटी दोरी छे तेमना विषे मने खातरी नधी. मूळ लेखमां ते पुनः वांचवा जेवा छे, कदाच कोई फेरफार मालूम पडे.
१४. ततिये च पुन वसे K मां ततिये बदले बसिये शंकाथी आप्धुं छे 0 मां आ ठेकाणे तद्दन भूल छे. मूळ लेखमां जो के स्पष्ट नथी तोपण तति ओळखी शकाय छे; अने ये तथा तेनी पछीना पांच भक्षरो तद्दन चोखा छे.
१. c मां धो ने बदले धा छे. पण K मां तथा मूळ लेखगा घो स्पष्ट छे.
२. 0 मां दंपेनति छे जे भूल छे. K मां तथा मूळ लेखमा दंपनत स्पष्ट छे.
३. K मां गि छे. अने c तेने भूलथी अ धारे छे. ४. K तथा C बन्नेमा हा छे; पण मूळ लेखमां हि स्पष्ट छे.
५. K तथा C बन्नेमां हि ने बदले पि छे. कारण के लांबो लाटो तेमना जोयामां नहि आव्यो होय.
६. c ए डा तथा प विषे गुंचवाडो कर्यो छे अने तेथी
"Aho Shrut Gyanam"