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प्राकृतलेखविभाग। बीजो लेख खारवेलनी स्त्रीनो छे. जे पोताने लालकना पौत्र हाथी. पाह ( हाथीसिंह ) नी पुत्री तरीखे ओळखावे छे. त्रीजा लेखमा एम कहेलं छे के जे गुहामां ए कोतरेलो छे ते गुहा वक्रदेव राजानी बक्षीस छ. आ लेखमां वक्रदेवनां जे विशेषणो छे ते खारवेलना जेवांज छे:
र, कलिंगाधिपति, अने महामेघवाहन. आ उपरथी स्पष्ट जणाय छे के बन्ने एकज वंशना छे. आ लेखना अक्षरो खारवेलना लेखना अक्षरोना जेवा, कदाच अर्वाचीन छे; पण प्राचीनतो नहिज; अने खारवेलना रहेलांना बे राजाओने आपणे जाणीए छीए तेथी नकी वक्रदेव तेना रहेला होय नहि. कदाच ते तेनो पुत्र अने वारस होय. जे गुहामां बीजो लेख छे ते गुहामां चोथो लेख छ जेमा ' वदुख राजानु लयन' लखेलं छे अने अक्षरो सरखा छे तेथी वदुख ते वक्रदेवनो पुत्र होय म लागे छे, आ उपरथी नीचे प्रमाणे यादीनो कोठो घडी शकाय. खेमराज ( सं. क्षेमराज ) __ लालक.
| (ई स. पूर्वे १६७) । (ई.स. पूर्वे १८०) वुधराज ( सं, वृद्धराज ) (नाम नथी) (ई. स. पूर्व १४७) | ( ई. स. पूर्व १६०)
हस्तीसाह.
अगर (इ. स. पूर्वे १४०)
हस्तीसिंह. भिखुराज ( सं. भिक्षुराज) अगर खारवेल, राज्य शरु कयु-परण्यो-कन्या. (ई. स. पूर्वे १०३) ।
वक्रदेव
(ई. स. पूर्व ९५ ) वदुख
( ई. स. पूर्वे ७५ ).
"Aho Shrut Gyanam"