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________________ प्राकृतलेख विभाग | होइ शके के आ गुहानी आगळ जे खडक आवेलो छे तेना उपर हाथीनी आकृति कोतरेली होय. S आलेख शिला उपर कोतरेलो छे. आ शिला सपाट नहीं होतां अंदर खाडापडती छे. लेख १७ लीटीमां होई ८४ चौरसफुटमां छे. आ शिला उपर लेख कोतरवा माटे सपाटी साफ करेली होय तेम लागतुं नथी पण अक्षरो मोटा अने उंडा कोतरेला छे. समयनी असर आना उपर पण थएली छे, प्रथमनी छ लीटीओ सारी स्थितिमां छे. अने छेली चार पंक्तिओ मध्यम अवस्थामा छे. आ बेनी वच्चेनी जमीन घणीज खराब थइ गइ छे. केटलोक भाग तद्दन घसाई गयो छे अने केटलेक ठेकाणे छूटा अक्षरो के अक्षरसमूहो नजरे पडे छे. खास करीने आ लेखनो डायो भाग बहुज जीर्ण थइ गयो छे अने ते तरफना छेल्ला अक्षरो बिलकुल जता रह्या छे. आ लेखनी बन्ने बाजुए बब्बे चिह्नो आपेलां छे. ( जुओ प्लेट १ ). एक चिह्न लेखनी पहेली बे लीटीओनी डाबी बाजुए छे; अने बीजुं चिह्न एज बाजुए पांचमी अने छठ्ठी लीटीनी शरुआतमां छे. त्रीभुं चिह्न लेखनी जमणी बाजुए पहेली अने बीजी लीटीना छेडे छे, अने चोथुं चिह्न सतरमी लीटीना अंतमा छे अने अहीं लेखनी समाप्ति थाय छे. प्रथमनां त्रण चिह्नो पश्चिम हिंदना गुहालेखो उपर जोवामां आवे छे. दाखला तरीके पहेलुं चिह्न जुन्नर (Junnar ) ना बीजा लेखमां, कार्ले ( Karle ) ना पहेला तथा भाजा ( Bhaja ) ना 8 मुंबइनी सामे आवेला हाथीबेटनुं नाम पथ्थरमां कोतरेली एक मोदी आकृति उपरथी पडेलुं छे. आना कटका विक्टोरिआ म्युझिअममा छे. P. P. आ प्लेटो मूल पुस्तकमा आपेली छे । अत्र आपी शकाणी नथी-संग्राहक. " Aho Shrut Gyanam"
SR No.009685
Book TitlePrachin Jain Lekh Sangraha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year1917
Total Pages124
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size4 MB
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