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गुफाओ संबंधी इकीकत. बाबु मनोमोहन गंगुले नामना एक बंगाली विद्वाने थोडा समय पहेलां ओरीस्साना प्राचीन अने मध्यकालीन ध्वंसावशेषोना विषयमा " Orissa and her remains ancient and medieval" ए नाम, एक सुंदर पुस्तक लख्युं छे. एमां तेमणे घणीज शोधपूर्वक ओरीस्साना प्राचीन इतिहासनी साथे तेना ध्वंसावशेषो-खंडेरोनुं सविस्तर वर्णन आप्युं छे. खंडगिरिनी गुफाओना विषयमां पण ए पुस्तकमां केटलुक सारुं लखवामां आव्यु छ जेमाथी प्रस्तुत उपयोगी काइक भाग आपवो अत्रे उचित थइ पडशे.
बाबु मनोमोहन खंडगिरिना विषयमा लवे छे के
" आ टेकरी उपर घणी गुहाओ आवेली छे. जेमा पहेला बौद्ध अने जैन श्रमणो रहेता हता, अने जेमांनी केटलीक इ. स. पूर्वे त्रीचा सैकाना पहेलांनी छे.
आ गुहाओमां शिल्पकलानी उत्तमताना जुदा जुदा नमुना छे. केटलीक अने ते खास करीने खंडगिरिनी गुहाओ पशुओनी गुहाओ जेवी न्हानी छे तथा बीजी के टलीक काइक म्होटी छे. सामान्य रीते तेमा एक ओरडो अने तेनी आगळ ओटलो होय छे, केटलीकमां परसाळमां बे के त्रण भोयरा छे. म्होटी गुहाओमां बे माळ छे, अने केटलोकमां उपरनो माळ पाछळ पडतो छे. आ गुहाओ धणीज सादी छे. पाछळना ओरडामा पांच के छ भोयरां करवामा आव्यां छे, अने आगळ एक लांबी ओटलानी हार छे जेने स्तंभोनो टेको आयेलो छे. घणी खरी गुहाओ एवी छे के जेमना आगळना ओटलानी त्रण बाजुए १ श्री १६' सुधी उंची पत्थरनी पाटली आवेली छे. ओटलानी बे भीतो टोंच उप.
"Aho Shrut Gyanam"