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________________ [ ४७ 1 मंदिर की नींव सं० १६६२ में डाली गई थी, इस मन्दिर के बनवाने में "जेसराज गिरधारीलाल " फर्म की ओरसे द्रव्य व्यय हुआ जिसके ३ हिस्सेदार थे १ पनाचंदजी २ इन्द्रचंदजी ३ व बच्छराज जी सिंघी। यह मंदिर ऊँचे स्थान पर दो मंजिला बना हुआ है। दोनों तरफ श्रीजिनदत्तसूरिजी और श्रीजिनकुशलसूरिजी के मन्दिर हैं जिनमें सं० १६३३ माघ शुक्ला ३ को प्रतिष्ठित चरण पादुकाएँ विराजमान हैं। इस मन्दिर के पीछे कई मकानात आदि जायदाद है। श्री आदिनाथजी का मन्दिर यह खरतर गच्छके उपाश्रय से संलम है। इसकी प्रतिष्ठा सं० १८८४ अषाढ़ सुदि १० बुधवारको होनेका उल्लेख यति दूधेचंदजी के पासकी बही में पाया जाता है। दादाबाड़ी यह सिंघीजी के मन्दिरसे कुछ दूरी पर है। दादा साहब श्रीजिनकुशलसूरिजी के चरणोंकी प्रतिष्ठा सं० १८६० मिती वैशाख सुदि १० को हुई थी। इसी मितीकी प्रतिष्ठित भाव विजयजी की पादुका है । नई दादाबाड़ी यह स्टेशन के पास है। इसे पनाचंद सिंघी की पुत्री श्रीमती सूरजबाईने बनवाकर इसमें सं० १६६७ मिती आषाढ़ सुदि १० को गुरुदेव के चरण प्रतिष्ठापित कराए हैं । सरदार शहर रतनगढ जंक्सन से सरदार शहर जाने वाली रेलवेका अंतिम स्टेशन है। ४४ मील है। बीकानेर के बाद ओसवालों के घरोंकी संख्या सबसे ज्यादा ओसवालों के कुल १०३८ घर हैं। यहां २ जैन मंदिर और १ दादाबाड़ी है । श्री पार्श्वनाथजी का मन्दिर यह रतनगढ़ से यहीं है। यहां इसे सं० १८६७ मिती फागुण सुदि ५ को सुराणा माणकचंदजीने बनवाकर प्रतिष्ठित करवाया। इसका जीर्णोद्धार सं० १६४७ में बीकानेर के मुँहता मानमलजी कोचर के मारफत हुआ। अभी भी स्थानीय पंचायतीकी ओरसे जीर्णोद्धार चालू है । श्री पार्श्वनाथजी का नया मन्दिर यह मंदिर श्रीमान् वृद्धिचंदजी गधैयाकी हवेली के पास है। इसका निर्माण काल अज्ञात है । यह मंदिर गोलater बनवाया हुआ है । दादावाड़ी इसमें श्रीजिनकुशलसूरिजी और शांतिसमुद्रगणिके चरण सं० १९९१ अषाढ़ वदि ५ के प्रविष्ठित हैं। खरतर गच्छ पट्टावली में जिनकुशलसूरिजी के चरणक मंदिरकी प्रतिष्ठा सं० १६१० वैशाखमें बोथरा गुलाबचंदने श्रीजिनसौभाग्यसूरिजी से करवाई, ऐसा उल्लेख है । "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
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