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________________ बीकानेर जैन लेख संग्रह लछमणजी गणि पं० गोपीजी मुनि पं० हीरोजी पं० प्र० केवलजी मुनि पं० प्र० शिवलाल मुनि पं० प्र० अबीरजी मुनि ५० प्र० गुलाबजी वा० बुधजी ठा० १ पं० हिमतु मुनि पं० गुमान श्री राहसरीयो पं० सोमो पं० रुघलो पं० सुगणानन्द पं० वनोजी चिरं सदासुख चि० वींझो ठाणे ४१ साधु सर्व पं० प्र० कचरमल्ल मुनि महाराज के साथ आदमी प्यादल रथ १ चपरासी हलकारे राजरो पौरो १ छड़ी छड़ीदार सेवग सुगणो चांदी रीछड़ी १ सेवग बारीदार चौथूजी विरधो नाइ २ नवलो मुलतानो दरजी 'तिनतस संवत् १९२० दीक्षा महोच्छव साधु २ योनै मि वै० सुद १० दिन भई वणारस पं०..... नि० बै० सु० १३ राजगढ़ में खमासण ७ मिठाई ४ सीरे री ३ लूदीबास में १ मि० जेठ बदी ३ दिने रिणी नै विहार कर्यो सतरभेदी पूजा हुई मि० जे० ब० २ नव अंगी ७ पं० प्र० चीमनीरामजी पं०... मुजमानी ११ भेट भई बेगार ऊंठ २५ । रिणी (ता रा न ग र) श्री शीतलनाथजी का मन्दिर धातु प्रतिमाओं के लेख ( २४३९ ) मूलनायकजी श्री शीतलनाथजी देव धर्मोयं स्राहक ! वद्धन साजण सुत सम्बत् १०५८ वैशाख सुदि २ (२४४०) ॥ संवत् १५७२ वर्षे फागण बदि ३ बुधे ऊकेश वंशे व्यव० फादर भा० सूब दे सुत भांखर भार्या देवणि सुत जीवा पाल्टा राजा समस्त कुटुम्ब युतेन श्री आदिनाथ बिंबं कारितं प्रतिष्ठितं विवंदणीक गच्छे श्रीसूरिभिः चंडली गामे धास्त । वधूसलखेमाकरा - प्रामे ? (२४४१ ) सं० १५३० वर्षे फागुण बदि १३ सोमे उ० जा० सा० पमोका भा० माधलदे पु० कुम्भा भा० लाछलदे आत्म पुण्यार्थ धर्मनाथ बि० का० प्र० बभाणीय गच्छे भ० श्री उदयप्रभसूरि पट्टे. राजसुन्दरसूरि । ( २४४२) सम्बत् १५१७ वर्षे माघ सुदि १२ श्री कोरट गच्छे उपकेस ज्ञा० कालापमार साखायां रामा भा० रमादे पु० राणा भा० रूपादे पु० सुरजनेन स्वश्रेयसे श्री कुंथुनाथ बिबं कारित। प्रतिष्ठितं श्री ककसूरि पट्टे श्री सावदेवसूरिभिः वरीजा नयर वास्तव्य । "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
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