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________________ बीकानेर जैन लेख संग्रह (२३८६ ) श्री शान्तिनाथादि पश्चतीथी सं० १५२७ वर्षे माह सुदि ९ बुधे उपकेश ज्ञातो भद्र गोत्रे। सा० थाहरू पु० सु० पीया भा ऊदी पु० लीलाकेन भा० ललतादे पु० जेसा सोना युतेन व पुण्यार्थ श्री शान्तिनाथबिबं कारितं प्रतिष्ठितं श्री उपकेश गच्छे । कुक्कदाचार्य संताने । श्री कक्कसूरीणामाझया तेषां पट्टस्था। (२३८७) श्री सुमतिनाथादि पश्चतीर्थी संवत् १६०८ वर्षे चैत्र सुदि १३ दिने। ऊकेश वंशे साउंसखा गोत्रे सा. कुंपा पुत्र साह वस्ता भार्या श्रा० वाहादे पुत्र सा० जगमाल सा० धनराज प्रमुख परिवार युतेन श्री सुमतिनाथ बिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्री खरतर गच्छे श्री जिनमाणिक्यसूरिभिः । ( २३८८ ) चांदी के पाटे पर चैनरूप सम्पतराम, सिरदारशहर सं० १९८७ गोलछो का मन्दिर पाषाण प्रतिमा लेखा: ( २३८९ ) संवत् १९२२ का । मि । फा० सु०७ तिथौ श्री अभिनन्दन जिन बिवं प्र० भ० श्री जिनहंससूरिभिः। (२३९०) संवत १५४८ वर्ष माघ सुदि ३ श्री मूलसंघ भट्टारकजी ....... 'देवसाह जीवराज धातु प्रतिमाओं के लेख (२२९१) श्री सुविधिनाथादि पंचतोयी संवत् १५१९ वर्षे माघ बदि ९ शनौ श्री ऊकेश वंशे वडहिरा गोत्रे श्रे० कर्मसी भा० हांसू पु० तेजा सुश्रावण भार्या सह पुत्रादि सकुटंब श्री अश्वलगच्छेश्वर श्री जयकेसरसूरि सूरीणामुपदेशेन मातृ पितृ श्रेयोर्थ श्री सुविधिनाथ बिंब कारितं प्रति ....... (२३९२) श्री सुविधिनाथादि पश्चतीर्थी संवत् १५८७ वर्षे वैशाख बदि ७ सोमे ऊकेश वंशे रीहड़ गोत्रे सा० कुरा भा० श्रा० भन्वी पु० सा० धना । मेधा पितृ मातृ पुण्यार्थ श्री सुविधिनाथ बिबं कारापितं श्री खरतर ग० प्रतिष्ठि (तं) श्री जिनमाणिक्यसूरिभिः "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
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