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________________ बीकानेर जैन लेख संग्रह ( २२५८ ) धातु के यन्त्र पर ॥सं १८८५ मि। आसो सुदि ५ दिने श्री सिद्धचक्रस्य यंत्रं भ। श्री जिनहर्षसूरिभिः प्रतिष्ठितं जांगलू वास्तव्य पा। अजैराजजी तत्पुत्र तिलोकचंदेन कारितं श्रेयो) । पांचू श्री फाइवनाथजी का मन्दिर धात प्रतिमा लेखाः ( २२५९ ) सं० १४९५ वर्षे फागुण बदि ९ रवौ श्री ज्ञान गच्छे काच गोत्रे उपकेश ज्ञातीय साह मोहण भा० मोहिणदे पुत्र वाला भार्या विमलादे आत्म श्रेयोर्थं श्री चंद्रप्रभ स्वामि बिंबं कारितं ! प्रतिष्ठितं श्री शांतिसूरिभिः (२२६० ) संवत् १५४८ वर्षे ज्येष्ठ बदि ६ शुक्रे जगड़ालवाड़ ज्ञातीय सं० दी झाला० ( दीडाला) राजपुत्र सं० चा कान्हा सं० फत्ता भा० गाल्हा पुत्र अंबिकावी स्वश्रेयोबिंबंकारितं प्रतिष्ठितं श्री ज्ञानभूषण देवैः । ( २२६१) सं० १३२६ वर्षे माघ वदि १ रखौ श्री श्रीमाल ज्ञातीय मं० बुल्दे श्रीहक पुत्र देदा श्रेयार्थ पित्तलमय श्री पार्श्वनाथ बिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्री परमाणंदसूरिभिः॥ ( २२६५ ) गुरु पादुका पर संवत् १९६० श्री जिनदत्तसूरिजी नो खा मंडी श्री पार्श्वनाथजी का मन्दिर पाषाण प्रतिमा-प्रशस्ति-पादुकादि लेखाः (२२६३) शिलालेख ॐ ॥ श्री बीकानेर राज्ये नोखामंडी नगरे वि० सं० १९९७ माघ शुक्ल चतुर्दश्यां चन्द्रवारे शुभलग्ने भगवतुः श्री पार्श्वनाथस्य प्रतिमा तपागच्छाधिराज युगप्रधान कल्प जैनाचार्य श्रीमद् विजयानंदसूरीश्वर पट्टालंकार सूरिचक्र चूडामणि श्री विजयकमलसूरीश्वर पट्ट विभूषकैः सार्वभौम श्री विजयलब्धिसूरीश्वर पट्ट प्रभावकैः विजयलक्ष्मणसूरिवय्यः प्रतिष्ठापिता ।। "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
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